नई दिल्ली । बीच में पढ़ाई बंद होने से परेशान मेडिकल कॉलेज के 12 छात्रों ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है। छात्रों ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर आरोप लगाया कि एमसीआई ने मान्यता खत्म कर दी। फिर भी गुमराह करके उन्हें पढ़ाते रहे। अब उनका भविष्य अंधकार में है। सिटी मजिस्ट्रेट को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि नीट क्वालीफाई करने के बाद वर्ष 2016 में 66 छात्रों ने सहारनपुर के ग्लोकल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था। छात्रों का दावा है कि एडमिशन से पहले छात्रों की काउंसिलिंग भी हुई। तीन महीने बाद ही एमसीआई ने मान्यता रद्द कर दी। लेकिन इसकी सूचना छात्रों को नहीं देकर कॉलेज प्रशासन लगातार पांच साल तक पढ़ाई कराता रहा। छात्रों ने अधिकारियों और शासन तक चक्कर लगाए, लेकिन छात्रों के लिए कोई रास्ता नहीं निकला। 66 में से 12 छात्रों ने इच्छा मृत्यु मांगी और ज्ञापन राष्ट्रपति को संबोधित कलक्ट्रेट में सिटी मजिस्ट्रेट विवेक चतुर्वेदी को सौंपा। इच्छा मृत्यु मांगने वालों में शिवम शर्मा, विभोर, शिवानी राणा, रिजवान, सदफ, सामिया, विग्नेश, राहुल राज, एश्वर्या, अरविंद राज आदि शामिल हैं। ग्लोकल यूनिवसिर्टी के वाइस चांसलर अकील अहमद ने बताया कि यूनिवर्सिटी आज भी छात्रों को पढ़ाना चाहती है। सब-कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन इन्हीं छात्रों की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज की एनओसी निरस्त कर दी गई। बाद में अदालत भी गए। वहां पर उनकी रिट खारिज कर दी गई। इसे लेकर रिट पिटीशन भी दायर की गई। वह भी निरस्त हो चुकी है। यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के साथ खड़ा है।
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