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1988 में पार्किंग को लेकर हुआ था झगड़ा, गैर-इरादतन हत्या के केस में नवजोत सिद्धू को 1 साल जेल

Navjot Singh Sidhu 1988 road rage case : 1988 के रोड रेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सिद्धू को अब किसी भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि सिद्धुू को किस भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ दायर करीब तीन दशक पुराने इस रोड रेज के मामले में समीक्षा याचिका पर यह आदेश दिया। यह आदेश जस्टिस एएम खानविलकर और संजय किशन कौल की बेंच ने दिया।

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उल्लेखनीय है कांग्रेस नेता को गैर इरादतन हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया था, लेकिन उन्हें स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के अपराध का दोषी ठहराया गया था। पटियाला के सत्र न्यायालय के जज ने 22 सितंबर, 1999 को सिद्धू और उनके सहयोगी को सुबूतों के अभाव और संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। बाद में यह मामला हाई कोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू के खिलाफ रोड रेज मामले में नोटिस का दायरा बढ़ाने की मांग वाली एक अर्जी पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।

वहीं पहले से चल रही समीक्षा याचिका में भी एक आवेदन दायर किया गया था। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शीर्ष अदालत के पहले के आदेश का हवाला देते हुए अपने खिलाफ रोड रेज मामले का दायरा बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका का विरोध किया था। जिसमें कहा गया था कि रोड रेज (सड़क पर गुस्से में की गई मारपीट) के मामले में इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि पीड़ित की मौत सड़क पर एक झटके से हुई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों का खारिज कर दिया।