मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल। मप्र और उप्र मे इस समय तेज धूप का असर दिखाई दे रहा है दोपहर 12 से 4 बजे तक सड़को पर सन्नाटा हो जाता है। इस समय भी अधिकांश हिस्से में भीषण गर्मी पड़ रही है, तो कहीं-कहीं तेज आंधी के साथ बारिश भी हो रही है। अब सभी को नौतपा का इंतजार है।
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि नौतपा 25 मई से शुरू होंकर और 3 जून को समाप्त होंगे। नौतपा भगवान सूर्यदेव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ शुरू होते हैं।
भट्टी की तरह तपेगी धरा
इन नौ दिन की अवधि सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक होने के कारण धरती और आसमान भट्टी की तरह तपने लगते हैं और भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है। जब सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तब नौतपा समाप्त हो जाता है।
सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश
ज्योतिष गणना के अनुसार, नौतपा शुरुआत में तपेगा, वहीं मध्य और अंत में आंधी के साथ बारिश भी होने की आशंका है।
ज्योतिषियों का मानना है कि यहीं ऊष्मा आगे चलकर मानसून के आगमन के लिए आवश्यक परिस्थितियां तैयार करती है। माना जाता है कि यह प्राकृतिक प्रक्रिया मानसून के वर्षा चक्र को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मानसून में अच्छी वर्षा का होना नौतपा की भीषण गर्मी का होना भी एक कारण माना गया है।
नौतपा में सूर्य की आराधना करें
सूर्य न केवल पृथ्वी और सौरमंडल का केंद्र हैं, बल्कि वैदिक ज्योतिष में उन्हें ग्रहों के स्वामी की उपाधि भी दी गई है।हिंदू धर्म में सूर्य जीवन की ऊर्जा के स्रोत, स्वास्थ्य के संरक्षक और आध्यात्मिक चेतना के सबसे बड़े प्राकृतिक स्रोत हैं। इसलिए इस दौरान सूर्य पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। नौतपा में विधि-विधान से सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए। रोजाना सुबह उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके लिए एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल और रोली डालें।इसके बाद सूर्य देव को देखते हुए अर्घ्य दें। ऐसा करने से जातक को सूर्य देव की कृपा की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का संचार बना रहता है।