मकड़ाई समाचार हरदा। भारतीय सनातन संस्कृति में खगोलीय घटनाओ को भी आस्था का महत्व दिया है। तारे का टूटना हो या ग्रहण जैसी घटनाओ को भी विशेष महत्व दिया जाता है। सूर्य व चंद्र ग्रहण को बहुत ज्यादा फलदायी माना जाता है। इनका प्रभाव विशेष क्षेत्रो देखा जाता रहा है।इस माह में 8 नवंबर को चंद्रग्रहण लगेगा। जिसके लिए बीमार बुजुुुर्गो और छोटे शिशुओ के प्रति सावधानी रखनी चाहिए। इसके साथ गर्भवती महिलाओ को भी अपना ध्यान रखना चाहिए। ग्रहणकाल के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकले किसी प्रकार का कोई भी घरेलू किचन का कार्य न करें। संभव होतो धार्मिक किताबे पढे़ या किसी देवी देवता कोई मंत्र,श्लोक,स्तोत्र का पाठ करे अपनी मनोकामना की पूर्णता के लिए। कहा जाता है कि ग्रहण काल में किया गया जाप अनुष्ठान सौगुना फलदायी होता है। मंत्र जाप सवा लाख की संख्या में करने से सिद्ध होता है तो ग्रहण काल में 101 माला में प्रभावशाली हो जाता है। इसिलिए कई लोग इसी के लिए ग्रहण का विशेष रुप से इंतजार करते है।इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 8 नवंबर को शाम 05.28 से प्रारंभ होगा और 07.26 को समाप्त होगा। यह चंद्रग्रहण भारत में दृश्य होगा ।
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