बुरहानपुर : मां ताप्ती की महिमा जन-जन तक पहुंचाने और मां के आंचल को स्वच्छ सदा नीरा बनाए रखने के उद्देश्य से 65 दिवसीय पदयात्रा के तापी परिक्रमा यात्री 21 फरवरी 2024, बुधवार को गायत्री मंदिर (रेणुका रोड) से नगर में प्रवेश करेंगे। त्याग, तपस्या, समर्पण और भक्तिभाव से ओतप्रोत ये ताप्ती परिक्रमा यात्री निरंतर 51 दिनों से परिक्रमा पदयात्रा करते मां ताप्ती के दक्षिण छोर से 21फरवरी को 11बजे गायत्री संस्कार केन्द्र बुरहानपुर पहुचेंगे, जहां से दोपहर 3 बजे साई मंदिर, शिकारपुरा , महाजनपेठ, राजघाट, सिंधीपुरा, आलमगंज, गणपति मंदिर खंडवा रोड से रोकड़िया हनुमान मंदिर में रात्रि विश्राम करेगे । पदयात्रा संयोजक राजू पाटनकर ने बताया कि मां ताप्ती सृष्टि की प्रथम सरिता है, जो जीवन के समस्त प्रकार के तापों को दूर करती है।
ताप्ती नदी का धार्मिक महत्व दुनियाभर की नदियों से बहुत अधिक है, इनका पारंपरिक इतिहास भी बहुत गौरवशाली है। परन्तु ताप्ती तट पर रहने वाले लोगों को इनकी महिमा की पर्याप्त जानकारी नही होने के कारण अन्य नदियों के दर्शन और परिक्रमा के लिए जाते है, जबकि ताप्ती अन्य सभी नदियों से बहुत अधिक श्रेष्ठ है। नदी की महिमा ताप्ती तट के लोग जाने, नदी को स्वच्छ, सदा नीरा और दोनो तटो पर हरियाली रहे, मां ताप्ती जन-जन का कल्याण करे और किसान-मजदूर, हर इंसान मां ताप्ती की कृपा का पात्र बने, इस उद्देश्य को लेकर मां ताप्ती संपूर्ण परिक्रमा पदयात्रा का शुभारंभ प्रति वर्ष 2 जनवरी को प्रातः 8 बजे उद्गम स्थल मुलताई से किया जाता हैं।
32 दिन निरंतर पदयात्रा करते हुए समुद्र संगम (डुमस) सूरत पहुंचकर नाव से समुद्र पारकर पुनः हजीरा संगम से पदयात्रा प्रारम्भ होकर 32 दिन निरंतर चलकर मुल्ताई पहुंच कर कुल 64 दिन में मां ताप्ती सम्पूर्ण परिक्रमा पदयात्रा पूर्ण होती है । मुल्ताई से 51 दिन पूर्व निकले पदयात्री सहयोगियों ने नगर के सभी धर्म प्रेमी नागरिको से अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में पदयात्रा में शामिल होकर ताप्ती पदयात्रा करके पुण्यलाभ अर्जित करे। ताप्ती परिक्रमा यात्री स्वागत समिति के मुकेश पूर्व, संजय यावलकर, राजेश भगत ने बताया कि गतवर्ष अपने ब्रघ्नपुर से ओमप्रकाश शर्मा, बलराज नावानी, महेश शर्मा सहित 4 भक्तो ने मां ताप्ती की संपूर्ण परिक्रमा साईकल यात्रा करके एक अनूठा प्रेरणा दायी कदम उठाया था।