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CG News : स्कूलों की फीस सार्वजनिक होना चाहिए, आयोग ने प्राइवेट स्कूलों को 20 जून तक फीस की सूची मांगी

 बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आदेश जारी कर इस संबंध में, कलेक्टर को भी पत्र लिखा है कि स्कूलों की फीस सार्वजनिक होना चाहिए।

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 रायपुर : निजी स्कूलों द्वारा मनमानी तरीके से विद्यार्थियों से फीस की वसूली की जाती है और किताबें और सिलेबस को लेकर भी पालक की जेब पर अतिरिक्त दबाब डाला जाता है। अब सरकार ने स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाते हुए आदेश जारी किया हैं अब निजी स्कूलों के बाहर 4 वाय 8 फीट का बोर्ड लगाकर फीस की जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। इसके साथ ही वेबसाईट पर भी जानकारी देनी होगी।

स्कूलों की फीस सार्वजनिक होना चाहिए, 20 जून तक फीस की सूची मांगी –

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फीस के मामले में सख्ती दिखाते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आदेश जारी कर इस संबंध में कलेक्टर को भी पत्र लिखा है कि स्कूलों की फीस सार्वजनिक होना चाहिए।  राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्राइवेट स्कूलों को 20 जून तक फीस की सूची मांगी है। इसमें यह भी कहा गया है कि तय मानक के अनुसार ही फीस की बढ़ोतरी करनी होगी। तय की गई कक्षावार फीस में प्रबंधन द्वारा मनमाने तरीके से छूट देने और अन्य नाम से फीस लेने का अधिकार नहीं होगा। प्रवेश या बच्चों के शाला ट्रांसफर करने की प्रक्रिया में भी पालकों से मनमाने फीस वसूली न की जाए।

हरदा : अजनास रैयत अजब पंचायत गजब के काम, भूतपूर्व सरपंच पति बना हुआ है। परमानेंट वेंडर, प्रतिमाह 15 से 25 हजार रुपया मिलती है। सैलरी, शीर्षक पढ़कर हैरान मत होइए लेकिन ये सच है !