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देवास में दसवीं पास, फर्जी सेक्स स्पेशलिस्ट का पर्दाफाश

सीएमएचओ डॉ. सरोजनी जेम्स बेक की बडी कार्रवाई  फर्जी डॉक्टरों में हड़कंप

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अनिल उपाध्याय खातेगांव

MP के देवास के स्टेशन रोड पर एक बड़ा खुलासा हुआ है, जहां एक अपंजीकृत क्लिनिक चलाने वाले फर्जी डॉक्टर का पर्दाफाश हुआ है। सीएमएचओ डॉ. सरोजनी जेम्स बेक के निर्देशन में जांच टीम ने स्टेशन रोड स्थित “निशि क्लिनिक” पर छापा मारा, जहां डॉ. बाला नाम से एक व्यक्ति बिना किसी मेडिकल डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था।

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जांच के दौरान, टीम को चौंकाने वाली जानकारी मिली कि क्लिनिक चलाने वाला व्यक्ति, रोनी बाला, महज दसवीं पास है और तेलंगाना का निवासी है। उसके पास न तो कोई चिकित्सा डिग्री थी और न ही क्लिनिक संचालन का कोई आधिकारिक रजिस्ट्रेशन। बाला ने क्लिनिक के बाहर खुद को सेक्स विशेषज्ञ बताते हुए बोर्ड लगा रखा था, जहां वह पुरुषों से जुड़े गुप्त रोगों के 100 प्रतिशत इलाज का दावा करता था। वह प्रतिदिन 10 से 1 बजे और दोपहर 4 से 7 बजे तक क्लिनिक चलाता था और मरीजों से 1500 से 2000 रुपये की मोटी रकम वसूलता था।

यह मामला यहीं तक सीमित नहीं था। जांच में यह भी पता चला कि हर महीने की 1 और 15 तारीख को डॉ. मिथुन कुमार नामक एक अन्य व्यक्ति आकर मरीजों का इलाज करता था। मौके पर मौजूद जांच टीम, जिसमें जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमरीन शेख, जिला मीडिया अधिकारी कमलसिंह डावर, धीरज वागमारे और सुशांतसिंह शामिल थे, ने क्लिनिक को तुरंत बंद करवा दिया और रोनी बाला से संबंधित दस्तावेज मांगे। हालांकि, बाला के पास कोई भी वैध दस्तावेज नहीं था, जिसके चलते क्लिनिक पर लगे बोर्ड को हटा दिया गया और उसे नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया।

दूसरे क्लिनिक पर भी हुई कार्रवाई

इसी दौरान स्टेशन रोड पर एक और क्लिनिक, बीपी एंड शुगर क्लिनिक, जिसका संचालन डॉ. शैलेष मोदी कर रहे थे, पर भी जांच टीम ने छापा मारा। इस क्लिनिक पर भी आवश्यक दस्तावेज न मिलने पर डॉ. शैलेष को नोटिस जारी किया गया और उन्हें सीएमएचओ कार्यालय में दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

सीएमएचओ डॉ. बेक ने सख्त लहजे में कहा कि देवास जिले में बिना पंजीकरण और नियमों के विरुद्ध संचालित सभी फर्जी क्लीनिकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।