हरदा: जिंदगी की जंग हार गया अर्जुन : भोपाल एम्स में इलाज के दौरान हुई मौत, परिजनों ने डॉक्टर काटकर पर लगाया था गलत इलाज का आरोप
हरदा: परिजनों के अनुसार गलत इलाज का शिकार हुआ अर्जुन आज शाम को नहीं रहा । अर्जुन ने लाचार व्यवस्था के सामने दम तोड़ दिया। दुःख इस बात का है कि अर्जुन, डॉ द्वारा की गई गलती की सज़ा का परिणाम देखे बगैर दुनिया को अलविदा कह गया।
वाह री व्यवस्था, वाह रे प्रशासन। डॉ एसोसिएशन के प्रदर्शन हुजूम से प्रभावित होकर बंद कमरे चर्चा करने वाला पुलिस प्रशासन मृतक अर्जुन के चाचा को काटकर द्वारा दी गयी अशोभनीय गालियों से अनभिज्ञ रहा। जबकि समय रहते कलेक्टर और एसपी को मय प्रमाण के शिकायत की गई थी।
हैरानी की बात यह है कि कुछ समय पहले ही टिमरनी के एक मरीज को भी काटकर के ऑपरेशन के बाद जान से हाथ धोना पड़ा था। मिली जानकारी में डॉ द्वारा बिचौलियों के माध्यम से जैसे तैसे मामला सुलटाया गया था।
डॉ काटकर द्वारा बाबासाहेब और दिवंगत अर्जुन के चाचा को अशोभनीय अपशब्द कहना भी दलित संगठनों को नागवार न गुजरा ये भी हैरान करने वाली बात है। यहां यह तथ्य विचारणीय है कि दलित समाज का व्यक्ति अपने समाज के व्यक्ति व बाबा साहब को अपशब्द कहने की स्वतंत्रता आखिर किस संवैधानिक व्यवस्था के तहत हासिल कर रहा था।
यहां यह कल्पना करना गलत न होगा कि यही बात किसी अन्य वर्ग ने के व्यक्ति ने कही होती तो क्या देशभर में व्यापक आंदोलन नहीं हो जाते। और त्वरित कार्रवाई कर, एफआईआर दर्ज कर प्रशासन वाहवाही नहीं पा लेता।
अब लाख सफाई दी जाए तब भी कोई व्यवस्था अर्जुन को वापिस लाने में सक्षम नहीं हो सकती है। दिवंगत अर्जुन को न्याय मिलना ही अब उनके लिए सार्थक श्रद्धांजलि होगी।
डॉक्टर काटकर पर लगा था गलत इलाज का आरोप: जिंदगी की जंग हार गया अर्जुन , तीन माह से भोपाल एम्स में चल रहा था इलाज, 15 दिन से कोमा में था युवक , परिवार पर टूटा दुख का पहाड़,!
हरदा। जिले के ग्राम जलोदा निवासी अर्जुन का आज शाम भोपाल एम्स में इलाज के दौरान दुखद निधन हो गया।
मालूम हो कि हरदा के डॉक्टर भरत काटकर ने अर्जुन का अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया था।
इलाज में लापरवाही का आरोप परिवार के लोगों ने लगाया था। क्योंकि ऑपरेशन के बाद अर्जुन की तबीयत लगातार बिगड़ती गई। उसके बाद परिजनों ने डॉक्टर से बातचीत की तो डॉक्टर ने उल्टे परिजन से गाली गलौज की थी। उक्त गाली गलौज का 6 मिनिट का ऑडियो भी वायरल हुआ था।
पीड़ित परिजनों ने हरदा एसपी और जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत भी की थी। लेकिन डॉक्टर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
21 नवंबर को अर्जुन का दूसरी बार भोपाल एम्स में आपरेशन किया। लेकिन वो रिकवर नहीं हुआ।
पिछले 15 दिन से वो कोमा में था। सोमवार शाम को उसका दुखद निधन हो गया।
मृतक के चाचा प्रोफेसर सुनील कुमार ने बताया कि डॉक्टर भरत काटकर की लापरवाही और जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण मेरे घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया।
उन्होंने कहा कि आज हम बाडी को गांव ल रहे है। लेकिन डॉक्टर पर जब तक कार्यवाही नहीं होगी । हम चैन से नहीं बैठेंगे।
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हरदा: शहर के डॉक्टर भरत काटकर पर लापरवाही पूर्वक इलाज करने का आरोप, मरीज की स्थिति गंभीर !