मकड़ाई एक्सप्रेस 24 अजमेर : सरकार जितने भी प्रयास कर ले लेकिन दलित और सवर्ण के बीच की खाई कम नही हो सकती है प्रदेश मे दलित पर अत्यचार की अनेक घटनाए हुई है।दलित अपनी बारात घोड़े पर बैठकर नही निकाल पाता है। उनके साथ मारपीट की जाती है।पूर्व की घटनाओ के मद्देनज़र अभी जब दलित परिवार की बारात मे दूल्हा घोड़े पर बैठकर निकला तो दूल्हे की सुरक्षा के लिए 200 पुलिसकर्मी बारात में नज़र आए। बताया जस रहा है कि बारात में बारातियों से ज्यादा पुलिसकर्मी नजर आए. क्योंकि दूल्हे की ओर से सुरक्षा मांग की गई थी।
दूल्हे ने क्यू मांगी सुरक्षा
दूल्हे ने सुरक्षा की मांग क्यू कि बताया जाता है आज से 20 साल पहले लवेरा गांव निवासी नारायण रैगर की बहन की शादी हुई थी, तो उसमें घोड़े पर बारात निकलने पर खूब विवाद हुआ था।
बेटी की शादी मे मांगी पुलिस से सुरक्षा
अब जब नारायण रैगर की बेटी की शादी हुई तो उन्होंने पुलिस में पुराने मामले को देखते हुए शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद दलित दूल्हे की बारात घोड़े पर निकाली गई। बारात में एडिशनल एसपी दीपक कुमार समेत 75 अफसर और पुलिस जवानों की मौजूदगी में दलित युवक की बारात घोड़े पर पहुंची. पुलिस के जवान बारातियों के बीच चलते नजर आए।
20 साल पहले हुआ था विवाद
दरअसल 20 साल पहले साल 2005 में नारायण लाल रैगर की ही बहन सुनिता की शादी में जब दूल्हा घोड़े पर बारात लेकर पहुंचा, तो एक समुदाय के लोगों ने इस पर आपत्ति जताई काफी विवाद हो गया था। पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए, लेकिन फिर भी विशेष वर्ग के दबाव में आकर घोड़ी वाला बारात में से घोड़ी लेकर गायब हो गया था।
इसके बाद दलित दूल्हे की बारात पुलिस जीप में निकाली गई थी, लेकिन उस समय पुलिस वालों की मौजूदगी में भी दलित युवक घोड़े पर बैठकर अपनी बारात नहीं निकाल पाया था। यही वजह थी कि इस बार दलित परिवार ने कोई रिस्क नहीं लिया और पहले पुलिस को जानकारी दे दी। पुलिस की ओर से भी एक्शन लिया गया और 200 पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया और बारातियों से ज्यादा इस दौरान पुलिस वाले नजर आए ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की गई. मंगलवार को निकली बारात को लेकर कई जगह बैरिकेडिंग की गई। 20 महिला कांस्टेबलों को भी इस दौरान तैनात किया।