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हरदा जिले के किसान बहुत मेहनती और जागरूक हैं। खेती की नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे: कलेक्टर श्री सिंह! मध्यप्रदेश-सतत कृषि कार्यक्रम’’ विषय पर विचार विमर्श कार्यक्रम सम्पन्न

हरदा। हरदा में कृषि विभाग, डब्ल्यूआरआई इंडिया, फूड एंड लेंड यूज कॉलीशन इंडिया और समुन्नति फाउंडेशन के सहयोग से ‘‘सतत कृषि’’ को अपनाने से जुड़ी चुनौतियों, अवसरों और विभिन्न हितधारकों की भूमिका पर चर्चा के लिये गुरूवार को एक जिला स्तरीय विचार- विमर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री आदित्य सिंह ने कहा “हरदा जिला खेती की दृष्टि से एक विकसित जिला है। यहां के किसान वर्ष में तीन फसल लेते हैं। यहां के किसान बहुत मेहनती और जागरूक हैं तथा खेती की नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उन्हें भरपूर आय भी हो रही है। उन्होने जिले में रासायनिक खाद और कीट नाशक के स्थान पर जैविक खाद व कीट नाशक का प्रयोग बढ़ाने की आवश्यकता बताई।

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से खेत की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता घट रही है, भू जल प्रदूषित हो रहा है। उन्होने कहा कि बढ़ती बाज़ार प्रतिस्पर्धा के कारण अधिकांश किसान अधिक पैदावार लेने के लिए रासायनिक गहन खेती करते है, जिससे पर्यावरण और कृषि में सततता प्रभावित हो रही है। उन्होने कहा कि आज का यह कार्यक्रम हरदा जिले में ‘‘सतत कृषि’’ की दिशा में परिवर्तन शुरू करने के लिए एक प्रयास है।“

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मध्यप्रदेश सतत कृषि कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए, डब्ल्यूआरआई इंडिया के खाद्य, भूमि और जल कार्यक्रम के सतत कृषि कार्यक्रम की प्रमुख डॉ. सम्प्रीति बरुआ ने कहा कि “कृषि समृद्ध हरदा में सरकार और प्रगतिशील किसानों के सक्षम नेतृत्व के साथ सतत कृषि की ओर परिवर्तन की अप्रयुक्त क्षमता है।” एमपीएसएपी पहल को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि जिससे सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों, और किसानों को एक साथ लाते हुए हरदा में एक सक्षम वातावरण बनाया जा सके।

फोलू इंडिया के कंट्री को ऑर्डिनेटर डॉ. जयहरि के. एम. ने कहा कि,‘‘कृषि परिवर्तन के ठोस मॉडल बनाने से पर्यावरण के साथ-साथ किसानों को भी बड़े पैमाने पर लाभ हो सकता है। इसके लिये सही ज्ञान, सिविल सोसाइटी संगठनों की पहल और सरकारी सहयोग के बेहतर संयोजन की आवश्यकता है।

समुन्नति फाउंडेशन के प्रमुख श्रीधर ईश्वरन ने इस अवसर पर कहा इस विचार-विमर्श बैठक के माध्यम से विभिन्न हितधारकों को एक साझे मंच पर लाया गया है। उन्होने कहा कि मज़बूत सतत कृषि हमें ऐसा अवसर प्रदान करती है जिससे आजीविका के नए अवसरों के निर्माण कर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाया जा सके।