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CBI घूसकांड: फिल्म रेस की तरह है यह कहानी

नई दिल्ली: भगोड़े विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को अब छोडि़ए! अब सीबीआई अपने ही महकमे की जांच में जुट गई है। जांच है 2 करोड़ की रिश्वत की। ये जांच अब अजय बस्सी नहीं बल्कि डीआईजी तरुण गौबा, एसपी सतीश डागर और ज्वाइंट डायरेक्टर वी मुरुगुशन की फास्ट ट्रैक टीम करेगी। बता दें कि ये तीनों राकेश अस्थाना के बेहद करीबी हैंं। ऐसे में क्या जांच सही दिशा में होगी इस पर सवाल उठने लगे हैं। यही नहीं मौजूदा समय में 3 वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर सरकार ने ज्वाइंट निदेशक नागेश्वर राव को नया चीफ बनाया जो खुद विवादों में हैं। इनके खिलाफ खुद आलोक वर्मा प्रतिकूल प्रवृष्टि दे चुके हैं और सीवीसी से इन्हें हटाने की सिफारिश की। लेकिन इन्हें सीवीसी ने क्लीनचिट देते हुए नहीं हटाया था।

फास्ट ट्रैक करेगी 3 सप्ताह में जांच
कारोबारी सतीश सना से 2 करोड़ की रिश्वत ली गई या नहीं, अस्थाना इसमें आरोपी हैं या नहीं, डिप्टी एसपी देवेन्द्र कुमार का क्या रोल है, इन सबकी जांच 3 सप्ताह में पूरी की जाएगी। सीबीआई की तरफ से जारी बयान के तहत इसकी रिपोर्ट सीवीसी और कोर्ट को डीआईजी तरण गौबा देेंगे। इस मामले में देर शाम सतीश सना को समन जारी किया गया है। बताया जाता है उनसे शुक्रवार को टीम पूछताछ करेगी, यही नहीं रिमांड पर लिए गए देवेन्द्र से मौजूदा समय टीम पूछताछ कर रही है।

सीबीआई में ये रहा दिनभर का घटनाक्रम 
पहले अस्थाना तो अब आलोक वर्मा का केबिन खंगाला आलोक वर्मा के आदेश के बाद मंगलवार को अस्थाना के केबिन को खंगाला गया, लेकिन बुधवार को उनके फोर्स लीव पर भेजे जाते ही 2 बजे दोपहर में नागेश्वर राव के सामने उनके कमरे की तलाशी ली गई और मौजूद दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया गया। साथ ही अस्थाना और आलोक वर्मा के फ्लोर पर किसी भी अधिकारी के ना जाने के आदेश जारी किए गए हैं।

अस्थाना की बेटी की शादी पर सीबीआई की नजर हुई टेढ़ी
दोपहर बाद चीफ राव ने राकेश अस्थाना की बेटी की शादी पर भी एक रिपोर्ट मांग ली। अब टीम शादी के कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ कर रही है। इनमें सजावट करने वाले, कैटरर्स, होटल मालिक आदि लोग जुड़े हैं। बता दें कि राकेश अस्थाना की बेटी की शादी काफी धूमधाम से गुजरात के वडोदरा में हुई थी। ये शादी दिसंबर, 2016 में लक्ष्मी विलास पैलेस में हुई थी। इस शादी में सजावट का काम करने वाले मनीष ठक्कर का कहना है कि उनके पास पैसे अस्थाना के अकाउंट से ट्रांसफर किए गए थे।

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हाईकोर्ट को कौन देगा अब जवाब
बीते मंगलवार को हाईकोर्ट ने अस्थाना को अंतरिम जमानत दे दी और साथ ही 7 दिन की रिमांड पर देवेन्द्र को भेजा। कोर्ट ने आदेश दिए थे कि चीफ आलोक वर्मा और एके शर्मा 29 अक्तूबर को इस मामले में जवाब दें, तब तक यथास्थिति रहेगी। लेकिन सरकार के उठे कदमों के बाद अब 29 अक्तूबर को हाईकोर्ट में कौन जवाब देगा और क्या जवाब दिया जाएगा। इस पर सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि मौजूदा हालात में नए चीफ ही हाईकोर्ट को जवाब देंगे।

पलटा पासा, पहले अस्थाना अब आलोक आए निशाने पर, बिखर गया सब कुछ
सीबीआई की कहानी फिल्म ‘रेस’ पार्ट वन, टू और थ्री की तरह है जिसमें यह देखना दिलचस्प होगा कि दौड़ में कौन आगे निकलेगा? पहले इस रेस में राकेश अस्थाना आगे थे, वे स्पेशल निदेशक के पद आए। लेकिन आलोक वर्मा जनवरी में उस समय आगे निकल गए जब अस्थाना के तीन चहेते अधिकारियों का तबादला अन्य विंग में करा दिया। अस्थाना चुप कहां रहने वाले थे, उन्होंने सभी अधिकारी वापस बुलाए और फिर आलोक के सभी अधिकारों को छीन लिया। करीब 6 माह आलोक चुप रहे और उन्हें जब सतीश सना मिला तो उन्होंने जंग का खुलेआम ऐलान कर अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। लगा था कि अब जंग खत्म हो गई, लेकिन ये जंग दोनों के बीच से निकलकर सरकार तक पहुंची और एक बार फिर अस्थाना रेस में आलोक वर्मा से आगे निकल गए। अभी जंग को खत्म होना नहीं कहा जा सकता। क्लाइमेक्स के बाद अंजाम क्या होगा ये अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा। अब देखना होगा कि इस जंग में कौन जीतेेगा और कौन हारेगा।

इन लोगों पर भी गिरी गाज, आलोक के करीबियों को हटाया

  • अजय बस्सी: बस्सी दिल्ली हेडक्वार्टर में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात थे और राकेश अस्थाना घूसकांड की जांच कर रही टीम का नेतृत्व कर रहे थे। बस्सी का ट्रांसफर पोर्ट ब्लेयर किया गया है।
  • एसएस ग्रूम: एडिशनल एसपी एसएस ग्रूम का ट्रांसफर जबलपुर किया गया है। इन पर डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार की गिरफ्तारी और उनसे जबरदस्ती कोरे कागज पर दस्तखत कराने का आरोप है।
  • ए के शर्मा: ए के शर्मा सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के करीबी माने जाते हैं और इनका भी ट्रांसफर कर दिया गया है।
  • ए साई मनोहर: मनोहर को राकेश अस्थाना का करीबी कहा जाता है और इन्हें चंडीगढ़ में पोस्ट किया गया है।
  • वी मुरुगेसन: इनको चंडीगढ़ में नियुक्त किया गया है।
  • अमित कुमार: डीआईजी की जिम्मेदारी संभाल रहे अमित कुमार को जेडी एसीबी में नियुक्त किया गया है।
  • मनीष सिन्हा: ये डीआईजी का पद संभाल रहे थे और इनका ट्रांसफर नागपुर किया गया है।
  • तरुण गौबा: ये भी डीआईजी हैं और इन्हें चंडीगढ़ से दिल्ली बुलाया गया है।
  • जसबीर सिंह: ये डीआईजी हैं और इन्हें बैंक धोखाधड़ी विंग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

इन मामलों में रहा दामन दागदार
माल्या सहित चिटफंड घोटाले की जांचों में कई खामियों के चलते इन्हें हाल में ही आलोक वर्मा ने प्रतिकूल प्रवृष्टि दी थी और यह अनुशंसा की थी कि उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए, लेकिन मौजूदा सीवीसी ने इसे निरस्त कर दिया। न ही उन्हें सीबीआई से हटाया गया और न ही जांच की गई।