ब्रेकिंग
हंडिया: शराब माफिया ऑटो से भिजवा रहा अवैध शराब: हंडिया पुलिस ने देशी (लाल, सफेद) शराब व बियर के 141 ... सार्वजनिक भीड़ वाले इलाके में गड्डा दे रहा है बड़ी दुर्घटना का संदेश !  कल आ रहे हैं मुख्यमंत्री फि... टिमरनी: कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह के ऑफिशियल पेज से मंत्री विजय शाह को समर्थन, अधिवक्ता ने कांग्रेस... मकड़ाई समाचार के "नाम" ने एक गरीब आदिवासी युवक की मदद की। रिपोर्टर ने चालान कटने से बचाया लेकिन हेलम... बागेश्वर बालाजी सुंदरकांड की शानदार प्रस्तुती पर झूम उठे श्रोतागण बड़ी डकैती की योजना बना रहे बदमाशो को राणापुर पुलिस ने दबोचा व अवैध हथियार और बाइक जब्त की! Big breaking news: टिमरनी:अवैध रेत चोर माफिया के हौसले बुलंद, छापामार कार्यवाही करने पहुंची राजस्व ट... कमलनाथ मुख्‍यमंत्री होते तो आज किसानों का कर्जा माफ हो जाता!  कर्जमाफी जैसे कई फैसलों से कमलनाथ ने ... हरदा की मातृ शक्ति द्वारा भव्य भारत भक्ति यात्रा निकाली जलाधारी मंदिर में मूर्तियां खंडित, असामाजिक तत्वों ने की थी तोड़फोड़,पुलिस कार्यवाही से असंतुष्ट हिं...

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने गए बिहार के डिप्टी CM सुशील मोदी लिफ्ट में फंसे

केवडिया: दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के तौर पर गुजरात के नर्मदा जिले के केवडिया के निकट साधु बेट (द्वीप) पर स्थापित 182 मीटर ऊंची स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी इसकी एक लिफ्ट में कुछ समय के लिए फंस गए।  हुआ यूं कि सरदार वल्लभभाई पटेल की इस मूर्ति के हृदय स्थल के निकट लगभग 153 मीटर की ऊंचाई पर बनी व्यूइंग गैलरी पर जाने के लिए जब मोदी, गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल और जिला विकास अधिकारी तथा अन्य के साथ इसमें सवार हुए तो अचानक बिजली चली गई। लगभग एक मिनट तक बिजली नहीं रहने के कारण मोदी और अन्य इसमें फंसे रहे।

- Install Android App -

 प्रतिमा को देखने के लिए उमड़ रही है भारी भीड़
व्यूइंग गैलरी से आसपास की पहाडिय़ों और लगभग तीन किमी दूर स्थित सरदार सरोवर बांध का मनोरम ²श्य निहारा जा सकता है। इस पर जाने के लिए दो लिफ्ट हैं तथा यह यहां आने वाले पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। इस पर जाने के लिए आम आदमी को प्रति व्यस्क 350 रूपए और प्रति बालक 200 रूपए की टिकट लेनी पड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों गत 31 अक्टूबर को लोकार्पित इस प्रतिमा पर पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है और इस दौरान कथित अव्यवस्था को लेकर मूर्ति के प्रबंधन से जुड़ी संस्थाओं की खासी आलोचना भी हो रही है। आज की घटना के बाद भी संबंधित अधिकारी सकते में दिखे और जवाब देने से गुरेज करते रहे।