MP News: ,कांटों की सैया पर लेटकर आस्था का प्रदर्शन ,शरीर की चमड़ी में सूंई से पिरोते धागे, जाने कब से चली आ रही परंपरा
लोक परंपरा : भगत बेर के नुकीले कांटों की सय्या पर लोटांगन करते है, शरीर में लोहे की बनी विशेष सुई की नोंक से चमड़ी में टोचन करके धागा पिरोते हैं |
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 बैतूल : आदिवासी अंचल में विभिन्न प्रकार की लोक परंपरा प्रचलन में है। इनमें गांव में भगत लोग होते हैं, जो अपनी भक्ति के माध्यम से ग्राम की सुरक्षा सुख समृद्धि के लिए विभिन्न प्रकार कि टोने टोटके करते है। ऐसा ही बैतूल जिले की भैसदही तहसील के ग्राम मालेगांव में देखने को मिला।
बेर के नुकीले कांटों की सय्या पर लोटांगन –
मुख्य चौराहे पर हरे बेर के नुकीले कांटों की सय्या पर माता शक्ति से लोटांगन करता है। गांव का लोहार कुशल कारीगर मुख्य भगत के शरीर में लोहे की बनी विशेष सुई की नोंक से शरीर की चमड़ी में टोचन करके धागा पिरोते हैं। धागा पिरोने के बाद उस स्थान पर लोनी मही और अन्य एन्टीबायोटिक सामग्री मिलाकर बार-बार लगाते है ताकि किसी प्रकार का नुकसान न हो। महिलाए नीम की पत्ती को नाड़े में बांधकर पहनती है और देवी भगत अपने गांव की सुख समृद्धि और सुरक्षा के लिए हरे बेर के नुकीले कांटों की सैया पर लोक परंपरा के अनुसार श्रद्धा और आस्था पर माता शक्ति से लोटांगन करता है।
चैत्र मेले का आयोजन हुआ –
बताया जाता है कि भैंसदेही तहसील के मालेगांव के प्रसिद्ध माता मंदिर प्रांगण में चैत्र मेले का आयोजन सोमवार किया गया। मेले में मन्नत का भार उतारने के लिए भगत बने श्रद्धालुओं ने कांटों की सैया पर लेटकर आस्था का प्रदर्शन किया। कोरकू समाज के खुशराज भूरी भाकलू ढिकू दहीकर ने इस परंपरा को निभाया। आदिवासी अंचल में विभिन्न प्रकार की लोक परंपरा प्रचलन में है। इनमें गांव में भगत लोग होते हैं जो अपनी भक्ति के माध्यम से ग्राम की सुरक्षा सुख समृद्धि के लिए विभिन्न प्रकार कि टोने टोटके करते है। ऐसा ही बैतूल जिले की भैसदही तहसील के ग्राम मालेगांव में देखने को मिला। जहां पर महिलाए नीम की पत्ती को नाड़े में बांधकर पहनती है और देवी भगत अपने गांव की सुख समृद्धि और सुरक्षा के लिए मुख्य पर हरे बेर के नुकीले कांटों की सैया पर लोक परंपरा के अनुसार श्रद्धा और आस्था पर माता शक्ति से लोटांगन करता है।
चैत्र मेले का आयोजन हुआ –
बताया जाता है कि भैंसदेही तहसील के मालेगांव के प्रसिद्ध माता मंदिर प्रांगण में चैत्र मेले का आयोजन सोमवार किया गया। मेले में मन्नत का भार उतारने के लिए भगत बने श्रद्धालुओं ने कांटों की सैया पर लेटकर आस्था का प्रदर्शन किया। कोरकू समाज के खुशराज भूरी भाकलू ढिकू दहीकर ने इस परंपरा को निभाया।
______________
यह भी पढ़े –
- अब Umang App से मिनटों में निकाल सकते है, PF का पैसा, देखे पूरी प्रक्रियाआधार कार्ड में संशोधन करना हुआ आसान, अब घर बैठे ऑनलाइन करे पता अपडेट, देखे पूरी जानकारी
- आयुष्मान भारत योजना की पात्रता में हुआ बदलाव, 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिक को मिलेगा लाभ
- Ladli Behna Yojana 2024: इन महिलाओं को नहीं मिलेगा लाडली बहना योजना की 12वीं किस्त का लाभ, पात्रता सूची हुई जारी
- सरिया/सीमेंट के भाव में आ रही है तेजी, जानिए क्या है आज के भाव (02.04.24) cement rate