भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित AIIMS द्वारा एक नई पहल शुरू की गई है। इस नई शुरुआत के बाद किसी भी मरीज का उपचार गरीबों के कारण नहीं रुख सकेगा। BHOPAL AIIMS द्वारा बिना आयुष्मान कार्ड और स्वास्थ्य बीमा धारी नागरिकों को भी मुफ्त उपचार प्रदान किया जाएगा। इस तरह शुरू की गई नई पहल क्या है? किस तरह आप मुफ्त उपचार प्राप्त कर सकेंगे। सारी जानकारी आगे आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं।
गरीब व्यक्ति भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना के तहत सालाना ₹500000 तक का मुफ्त उपचार प्राप्त कर सकता है। मध्यम वर्ग के नागरिक अपने लिए स्वास्थ्य बीमा रखते हैं जिससे किसी भी गंभीर बीमारी के उपचार के लिए बीमा कंपनी द्वारा राशि को प्राप्त किया जा सके, परंतु ऐसे गरीब परिवार जिनके पास ना ही स्वास्थ्य बीमा है और ना ही आयुष्मान कार्ड है, तो वह गरीब अपनी बीमारी का उपचार करने में असमर्थ माना जाता है, परंतु भोपाल एम्स द्वारा शुरू की गई इस नई पहल के जरिए अब बिना आयुष्मान कार्ड और स्वास्थ्य बीमा के गरीब अपने उपचार निशुल्क करा सकेंगे।
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भोपाल एम्स में होगा मुफ्त उपचार –
भोपाल एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बिना आयुष्मान कार्ड धारी व्यक्ति और गरीब नागरिकों के लिए एम्स द्वारा एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति का नाम “रोगी कल्याण समिति” रखा गया है। एम्स द्वारा इस समिति में जरूरतमंद नागरिकों के लिए 2 करोड रुपए की राशि को सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि बिना आयुष्मान कार्ड और गरीब परिवार का इलाज इन पैसों के माध्यम से नि:शुल्क किया जा सके।
90 हजार मरीजों का होता है उपचार –
BHOPAL AIIMS के डॉक्टर द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार एम्स में मरीजों की संख्या में लगातार बड़ोती हो रही है, पिछले वर्ष भोपाल एम्स में करीब 50000 से अधिक मरीजों ने उपचार कराया था, वही इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 90000 के पार पहुंच चुकी है। इनमें से बहुत से मरीज ऐसे हैं जिनके पास ना ही आयुष्मान कार्ड होता है और ना ही किसी प्रकार का स्वास्थ्य बीमा। ऐसे में इन गरीबों पर स्वास्थ्य का आर्थिक बोझ ना पड़े इसी उद्देश्य से समिति का गठन किया गया है। इस समिति में भोपाल एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर एवं कुछ अधिकारियों को शामिल किया गया है।
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एम्स प्रबंधन द्वारा रोगियों की संख्याओं को बढ़ते देख इस समिति को गठित किया गया है। वहीं एम्स प्रबंधन ने जरूरी सुविधाओं में भी बदलाव किया है, जहां पहले एम्स में केवल 288 तरह की जांच की जाती थी, वहीं अब मरीज भोपाल एम्स में 5,80 तरह की जांचों को करा सकते हैं। इस बदलाव के बाद रोगी का उपचार एक ही स्थान पर समय पर किया जा सकता है।
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