उत्तर पुस्तिकाओं में बार कोड लगने से कापी जांचने में होने वाली गड़बड़ियों को रोका जाना होगा आसान| मनमाने ढंग से किसी विद्यार्थी को नही दिए जा सकेंगें नंबर|
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल। बोर्ड परीक्षाओ में नकल प्रकरण रोकने एवं कापी जांच के दौरान होने वाली मानवीय गड़बडी को रोकने के लिए बोर्ड द्वारा तमाम प्रयास किए जाते रहे है। इस बार मप्र. शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10वी और 12वी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं पर बार कोड लगाए गए है। इससे कोई भी शिक्षक ईमानदारी से मुल्यांकन कर पायेगे। उन्हे यह पता नही चलेगा कि यह किस वि़द्यार्थी के उत्तर पुस्तिका है। जिससे वह मनमाने ढंग से प्राप्तांक नही दे पायेगे। बारकोड होने से इसमें रोल नंबर और विद्यार्थी की पहचान छुपी रहेगी। उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में पारदर्शिता लाने के लिए बारकोड लगाना महत्वपूर्ण कार्य माना जा रहा है।
बताया जा रहा है, कि पिछले साल तीन विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं में बारकोड लगे थे। इस बार सभी विषयों में लगाए गए हैं।उत्तर पुस्तिका में ओएमआर. शीट भी है।बारकोड वाली कापियां जांचने का प्रशिक्षण शिक्षिकों को दिया जा रहा है।
एक करोड़ 10 लाख कापियों का होगा मूल्यांकन
वर्तमान में जारी परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 22 फरवरी से शुरू होगा। इस साल करीब 17 लाख विद्यार्थियों की एक करोड़ 10 लाख उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाना है। मूल्यांकन कार्य की प्रदेश से 25 हजार और भोपाल जिले से 1800 शिक्षकों पर जबाबदारी है।जिन उत्तर पुस्तिकाओ में 0 या 99 अंक मिलने पर मुख्य परीक्षक भी जाचेंगे ऐसी उत्तरपुस्तिका तीन बार जांची जाएगी। एक शिक्षक 30 से 40 कापी ही चेक करेगें जो जल्दबाजी न हो। इसके साथ रोजाना 2 से 3 हजार कापियों की जांच की जायेगी।
मार्च में रिजल्ट बनेगा
मूल्यांकन कार्य मार्च के अंतिम सप्ताह तक समाप्त होगा। इसके बाद रिजल्ट बनाने की तैयारी शुरू होगी। मूल्यांकन खत्म होने के साथ ही विद्यार्थियों के अंक भी तुरंत पोर्टल पर अपलोड करना है। उसके आधार पर रिजल्ट बनाया जाएगा।