ब्रेकिंग
Harda Big news: फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट से सोनखेड़ी में आदतन बदमाश ने की मारपीट , 90 हजार लूटे सिराली: अब छात्राओं को नहीं होगी कोई परेशानी "स्वच्छता ही सेवा अभियान" में छात्राओं को मिली सौगात अब पानी की बूंद बूंद को तरसेगा पाकिस्तान भारत ने भेजा नोटिस हरदा छिपाबड़: पुरानी रंजिश में खिरकिया निवासी रोहित ठाकुर पर धारदार हथियार से आरोपी युवकों ने किया ब... हरदा कलेक्टर द्वारा नगर पालिका सी.एम.ओ. के विरूध की गई कार्यवाही, जांच में भी पाई गई वित्तीय अनियमित... बीजेपी कार्यकर्ता का घर हुआ चोरी, मौके पर खाली प्लाट पुलिस थाने में की शिकायत , नही हुई कार्यवाही!  Big news छिपाबड़: बीती रात मारपीट की घटना के बाद हरदा एसपी श्री चौकसे एक्शन में : पुलिस टीम ने चाकू... रहटगांव: दस दिवसीय गणेश महोत्सव के बाद शांतिपूर्ण गणेश विसर्जन का कार्यक्रम हुआ,  केंद्र सरकार ने जारी की पीएम आवास योजना की दूसरी लिस्ट, जल्दी देखे अपना नाम PM Awas Yojana 2nd List Ladli Behna Yojana 3rd Round: अब 21 साल की बहनें भी उठा सकेंगी लाडली बहना योजना का लाभ, देखे पूरी खब...

Bhopal News : मुख्यमंत्री चौहान ने 31 मई को ऐच्छिक अवकाश घोषित किया

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने 31 मई को ऐच्छिक अवकाश रखने की घोषणा कर दी है । ऐच्छिक अवकाश यानी इस दिन जिसकी इच्छा है वह अवकाश ले सकता हैं जिसे छुट्टी नहीं लेनी हो वह नहीं ले सकता है। इससे पहले सीएम ने महाराणा प्रताप की जयंती पर ऐच्छिक अवकाश को सामान्य अवकाश घोषित किया था।

- Install Android App -

    31 मई को ऐच्छिक अवकाश घोषित

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा.हमने यह भी तय किया है मां अहिल्या देवी का जो जन्मदिवस होता है। उस दिन ऐच्छिक अवकाश रखा जाएगा। ताकि धूमधाम से हम मां अहिल्या का जन्म दिवस मना सकें। आपको बतादें कि मां अहिल्यादेवी होलकर का जन्म 31 मई 1725 को हुआ था वे मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी होकर प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव की धर्मपत्नी थी। अहिल्या देवी होल्कर ने माहेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया थां। अहिल्याबाई होल्कर ने देशभर में प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में मंदिर, घाट, कुएं और बावडिय़ां बनवाई थी| उन्होंने काशी विश्वनाथ में भी शिवलिंग की स्थापना की थी| उन्होंने ही मंदिरों में अन्नक्षेत्र खोले थे और प्याऊ लगवाने की शुरुआत की थी।