विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को तीन प्रदेशो रिकार्ड मतो से जीत मिली हैं। नरेंद्र मोदी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिल्ली में कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। इस संबोधन में उन्होने तीनों प्रदेश में कौन सीएम बनेगा किसी का भी नाम नही लिया हैं। क्या चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाल चुके शिवराज सिंह चौहान ही फिर सीएम पद की कुर्सी पर होंगे कोई अन्य चेहरा लोगो में चर्चा का विषय बन गया हैं|
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल : म.प्र. में भी इस बार का चुनाव अलग ही तरीके से लड़ा गया हैं। भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने पूरी नजर मप्र में बनायी रखी। बात अगर मप्र की करें तो अभी तक शिवराज सिंह चैहान का नाम नही लिए जाने से लोगो में बातें होने लगी हैं कि क्या कोई अन्य चेहरा सीएम बनेगा। ज्ञात हो कि शिवराज सिंह विगत 18 वर्षो से मप्र में सीएम की कुर्सी पर बने हुए है। वहीं मोदी ने मप्र में किसी भी रैली या भाषण में सीएम के चेहरे के लिए न ही शिवराज या अन्य किसी का नाम नही लिया। एक और बात है कि कैबिनेट के मंत्रियों को भी इस चुनाव में उतार दिया। वहंी कुछ दिग्गज मंत्रियों के चुनाव हारने से नए चेहरो को मौका मिलना तय है। पीएम मोदी ने कहा था कि इस विधानसभा चुनाव में देश को जातियों में बांटने की बहुत कोशिशें हुई लेकिन मैं लगातार कह रहा था कि मेरे लिए देश में 4 जातियां ही सबसे बड़ी जातियां है। जब मैं इन 4 जातियों की बात करता हूं तब हमारी नारी, युवा, किसान और हमारे गरीब परिवार इन 4 जातियों को सशक्त करने से ही देश सशक्त होने वाला है।ेउन्होने विकास की गारंटी का नारा दिया हैं।अटकलों का दौर चल रहा है कुछ नए नाम सामने आयेगे।
अगर शिवराज नही तो कौन….
केंद्रीय नेतृत्व की ओर आस भरी नजर से देख रहे विजयी प्रत्याशी अब किस के सिर पर मप्र का ताज सजेगा। इस मामले में कैलाश विजयवर्गीय पहले ही मना कर दिए है की मुख्यमंत्री की रेस से बाहर हूं फिर भी हम अंदाजा लगाते है कि अगर शिवराज नही तो कौन हो सकता है सीएम पद का प्रबल दावेदार। सीएम पद के लिए प्रबल दावेदार बीजेपी के वो बड़े नेता संभावित हो सकते है जिन्हे कंेंद्र से लाकर प्रदेश में चुनाव लड़ाया है। इनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा इस रेस में प्रबल दावेदार हैं।
ज्योतिरादित्या सिंधिया का कद भी बड़ा –
इस बार के विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्या सिंधिया का विशेष योगदान हैं।उनके क्षेत्र से समर्थित प्रत्याशी विजय हुई हैं उनका कद भी बड़ा हैं। ज्ञात हो कि उनके पिता माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस कई पदों पर रहकर काफी वर्षो राजनीति की मगर योग्यता होने के बाद भी उन्हे सीएम बनने का मौका नही मिला बावजूद इसके अर्जुन सिंह जी को मौका मिलता रहा हैं। अब लोगो की निगाह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की ओर है कि वह किसे प्रदेश का सीएम बना सकते है।