भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल का नामांकन फार्म हो सकता है। रद्द? आर्थिक अपराध के दोषी प्रत्याशी का हो नामांकन रद्द हो, कांग्रेस ने चुनाव आयोग को की शिकायत
मध्य प्रदेश के खंडवा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल को लेकर केंद्रीय और प्रदेश स्तरीय चुनाव आयोग के साथ ही जिला स्तरीय निर्वाचन अधिकारी से एक शिकायत की गई है। जिसमें उन पर आर्थिक अनियमितता जैसे गंभीर आरोपों को अपने नामांकन पत्र में छिपाने का आरोप लगाए गए हैं। कांग्रेस नेता लव जोशी ने आर्थिक अनियमितता के अपराध से घिरे भाजपा प्रत्याशी का नामांकन को रद्द करने की मांग चुनाव आयोग से की है।
भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल का नामांकन फार्म हो रद्द: कांग्रेस pic.twitter.com/PR81d3logp
— MAKDAI EXPRESS 24 (@Makdai24) May 5, 2024
शिकायतकर्ता और कांग्रेस नेता लव जोशी ने प्रेस वार्ता कर बताया कि खंडवा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल को मध्य प्रदेश पावर लूम बुनकर राज्य सहकारी संघ ने आर्थिक अनियमितता के आरोप में आयुक्त सहकारिता पंजीयक और सहकारिता न्यायालय के माध्यम से मार्च 2020 में पद से हटा दिया गया था, क्योंकि इन पर आर्थिक अपराध दर्ज करने का आदेश जारी किया गया था। उस आदेश की कॉपी हमारे पास है, भाजपा प्रत्याशी द्वारा जो नामांकन पत्र भरा गया है, उसके पेज क्रमांक 5 और 6 में दोष सिद्धि के जो मामले हैं उसकी जानकारी उन्होंने भ्रामक रूप से भरी है।
ऐसा प्रत्याशी जनता के साथ क्या वफादारी निभाएगा ?
शिकायतकर्ता लव जोशी कहना है कि भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा नामंकन पत्र में भरी गई जानकारी में लागू नहीं होता भरा गया है। उन्होंने खुलेआम धोखाधड़ी करके महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई है। इस तरह की जानकारी छिपाने से मतदाताओं के साथ भी धोखाधड़ी की जा रही है। जो प्रत्याशी चुनाव आयोग के साथ ही धोखाधड़ी कर रहा है, वह जनता के साथ क्या वफादारी निभाएगा।
आर्थिक अपराध के दोषी प्रत्याशी का हो नामांकन रद्द –
जोशी ने कहा कि इसे लेकर मेरे द्वारा केंद्रीय और प्रदेश स्तरीय चुनाव आयोग के साथ ही खंडवा निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की गई थी। स्क्रूटनी में उनके नामांकन पत्र को मान्यता क्यों दी जा रही है, यह प्रश्न चिन्ह है। जनता इस सच्चाई को छिपाने की सजा उन्हें अवश्य देगी। हम आयोग से उनका नामांकन रद्द करने की हम मांग करते हैं। आर्थिक अपराध के दोषी भाजपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द होना चाहिए।
रिपोर्ट: सावन पाटिल खंडवा