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CM शिवराज सिंह चौहान की सभा मे हंगामा करने वाले पीड़ित युवक को मिला न्याय, 2 पटवारी 2 अन्य पर FIR दर्ज

मकड़ाई समाचार बैतुल। 12 फरवरी को बैतूल फसल बीमा राशि के कार्यकर्म में मुख्य अतिथि सीएम शिवराज सिंह चौहान सभा को संबोधित कर रहे थे इसी दौरान एक युवक किसान अपने पिता को राजस्व विभाग में मृत घोषित किये जाने का जोर शोर से विरोध कर कर रहा था कार्यक्रम बाँधित न हो इस उद्देश्य से पुलिस ने उसे उस स्थान से समझाईस देते हुए बाहर कर पूरा मामला समझा।

दरअसल16 वर्ष पहले बुजुर्ग को मृत बताकर राजस्व विभाग के अधिकारियों और बुजुर्ग के रिश्तेदारों द्वारा जमीन हड़पने के मामले में हुई कार्यवाही बुजुर्ग और उसके पुत्र ने सीएम की सभा मे मचाया था हंगामा।उसके बाद मामले में लिप्त आरोपियों पर मामला दर्ज हो गया।

प्रभातपट्टन ब्लाक के ग्राम ताईखेड़ा निवासी एक किसान के जीवित रहने के बावजूद दो लोगों ने किसान को मृत बताकर उसके स्वामित्व की कृषि भूमि का नामांतरण कराकर कृषि भूमि अपने नाम दर्ज कराने की शिकायत आला अधिकारियों से की थी। जिसको लेकर वह कई बार न्याय की गुहार लगाते हुए प्रशासन के चक्कर लगा चुका था।। अब कई वर्ष बीत जाने के बाद पुलिस ने कार्यवाही की।

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इस मामले मे तत्कालीन पटवारी हरिदास क्षीरसागर और पूनम उइके के साथ किसान की पत्नी सावित्री पति तिलक चंद किराड़ और पुत्र राजू पिता तिलक चंद किराड़ के खिलाफ भी पुलिस ने धारा 420 के तहत केस दर्ज किया है। मामला यह है कि ग्राम ताईखेड़ा निवासी 70 वर्षीय किसान तिलकचंद धाकड़ के स्वामित्व की 8 एकड़ कृषि भूमि ग्राम देवभिलाई में स्थित है। किसान तिलकचंद ने शिकायत में बताया कि ग्राम देवभिलाई उसके निवास ग्राम ताईखेड़ा से दूर होने के चलते उसकी पत्नी सावित्रीबाई ने आधी कृषि भूमि एक रिश्तेदार महिला को और आधी कृषि भूमि पड़ोसी किसान को ठेका बटाई से कृषि करने के लिए दी थी। रिश्तेदार महिला और बटाईदार ने वर्ष 2004 में तिलकचंद को मृत बताकर वारासान को बिना कोई जानकारी दिए कृषि भूमि का फौती नामांतरण करा लिया। उसके बाद तिलकचंद की अशिक्षित पत्नी और पुत्रों को सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए ठेका नामा बनाने का कह कर कृषि भूमि का फर्जी बैनामा संपादित कर लिया। इस शिकायत के बाद वर्तमान में एसडीएम द्वारा प्रकरण की जांच की जा रही है। जांच में यह खुलासा हुआ है कि संशोधन क्रमांक 3 दर्ज दिनांक 4 अक्टूबर 2004 प्रमाणिक दिनांक 11 दिसंबर 2004 के अनुसार तिलक चंद को मृत बताते हुए उसके वरसानो के नाम से कृषि भूमि का नामांतरण किया गया है जिस दिनांक में नामांतरण हुआ है उस दौरान पटवारी हरिदास क्षीरसागर हल्के में पदस्थ थे और उनके द्वारा यह संशोधन प्रस्तावित किया गया जबकि जांच के दौरान तिलक चंद के जीवित होना पाया गया इस संशोधन की प्रक्रिया में तिलक चंद की पत्नी सावित्रीबाई ने 28 मई 2004 को और पुत्र राजू ने 30 नवंबर 2004 को शपथ पत्र प्रस्तुत किया था तत्कालीन पटवारी पूनम उइके ने भी संशोधन पंजी में हस्ताक्षर किए थे।

इनका कहना है-

इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोनों पटवारियों द्वारा गंभीरता से जांच किए बिना फौती नामांतरण कर धोखाधड़ी करने और किसान की पत्नी और पुत्र द्वारा झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत करने की बात सामने आई है तहसील कार्यालय के भृत्य मंगरया पवार की रिपोर्ट पर आरोपी तत्कालीन पटवारी हरिदास क्षीरसागर और पूनम उइके के साथ झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत करने वाली सावित्री पति तिलकचंद किराड़ और राजू पिता तिलकचंद किराड़ के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज किया गया है।

सुनील लाटा थाना प्रभारी