टिमरनी सोडलपुर : क्षेत्र वासियों की आस्था का केंद्र है गुरु कन्हा बाबा ! जानिए इस स्थान और संत कान्हा बाबा के बारे में
टिमरनी -भारत भूमि अपने प्रारंभ कल से ही तपस्वी संत महात्माओ से भरी पड़ी है जिन्होंने अपने कर्मयोगी जीवन, निस्वार्थ जन सेवा एवं योग साधनाओं ने समाज को समय-समय पर मार्गदर्शन दिया है एवं अपने आशीर्वाद से समाज को समृद्धि व संपन्नता के साथ सुखद एवं कल्याणकारी मार्ग पर आगे बढ़ाया है ऐसे ही एक संत ने हरदा जिले की टिमरनी तहसील के सोडलपुर में रहते हुए समाज सेवा एवं ईश्वर भक्ति हेतु अपना संपूर्ण जीवन आहूत किया उन संत का नाम होता है गुरु कान्हा बाबा । जिनकी स्मृति में प्रतिवर्ष सोडलपुर में अगहन संदीप पूर्णिया से एक माह का मेला भरता है जिसमें हजारों लोग प्रतिवर्ष यहां पधारते हैं
संत श्री गुरु कन्हा बाबा का जन्म संवत 1627 के लगभग माघ सुदी चौदस को ग्राम सौताड़ा तहसील टिमरनी जिला हरदा के बागरे परिवार में हुआ । माता-पिता की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर थी जिसके चलते वे मेहनत मजदूरी करते थे। श्री कान्हा 7 वर्ष के ही थे तभी उनकी माता-पिता का निधन हो गया माता-पिता के निधन के उपरांत उन्हें उनके मामा मॉगुल्ले परिवार सोडलपुर में अपने घर ले आए। मॉगुल्ले परिवार की भी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्हें यहां मवेशी चराने का काम करना पड़ा। इस काम में उन्हें अत्यंत आनंद आता था क्योंकि इस दौरान में गो माता की खूब सेवा करते थे एवं सभी से कहते थे की को माता की सेवा करने में संपूर्ण सुखों को प्राप्त किया जा सकता है
ग्राम सोडलपुर के पास जंगल में बाबा ने एक कुटिया बनाकर ईश्वर भक्ति में लीन रहते थे इस दौरान सोडलपुर के अनेक भक्त गुरु कन्हा बाबा की कुटिया में पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त करने व अपनी समस्याओं का समाधान गुरु कान्हा बाबा से करवाते रहते थे एवं भजन कीर्तन किया करते थे . बाबा द्वारा सदैव दूसरों के दुखों को दूर करने में लगे रहने के कारण उनके भक्तों की संख्या लगातार बढ़ने लगी . एक दिन गुरु कन्हा बाबा ने कहा कि अब हम समाधि लेना चाहते हैं ग्रामीणों के लाख मना करने के उपरांत भी बाबा समाधिस्थ हो गए गुरु कन्हा बाबा के समाधिस्थ होने के सैकड़ो वर्षों के बाद भी बाबा के भक्त उन्हें हमेशा याद करते रहते हैं बाबा हर भक्त की मुराद पूरी करते हैं .बाबा के प्रति अत्यंत गहरी आस्था होने के कारण बाबा की सुंदर समाधि सोडलपुर ग्राम में बनी हुई है जहां पर गुरु कन्हा बाबा के नाम पर प्रतिवर्ष मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष मेले में पहुंचते हैं एवं बाबा के दर्शन प्राप्त करते हैं गुरु कन्हा बाबा आज भी यदा कदा अपने भक्तों को अपनी उपस्थिति का एहसास कराते रहते हैं ।
प्रतिवर्ष लगता है मेला
कन्हा बाबा की समाधि स्थल सोडलपुर में प्रतिवर्ष संतश्री की स्मृति मे अगहन सुदी पूर्णिमा को मेला भरता है । पूर्णिमा को मेले का निशान चढ़ता है एवं लोग यहां पर मन्नत मांगने आते हैं एवं मन्नत पूरी होने पर पूरे उत्साह के साथ कोई तुलादान करता है तो कोई भंडारा करता है । कान्हा बाबा के इस मेले में दूर-दूर से व्यापारी आते हैं एवं अच्छा खासा लाभ कमाकर यहां से जाते हैं। इस मेले में आकर्षक झूले, मनिहारी, कपड़े बर्तनों की दुकान लोहे की सामग्री सहित सैकड़ो प्रकार की दुकान यहां पर लगती है इस मेले को देखने के लिए हरदा जिले ही नहीं बरन बैतूल होशंगाबाद खंडवा देवास इंदौर सहित अनेक जिलों से श्रद्धालु पधारते हैं एवं कन्हा बाबा की समाधि के दर्शन कर अपने जीवन को कृतार्थ करते हैं ।
खबर स्त्रोत्र / मुकेश शांडिल्य टिमरनी वरिष्ठ पत्रकार कवि