तीनों बेटी सुनीता-विनोद, नर्मदी-रामचरण और कृपा-शुभम ने कांधा देकर पिता की पार्थिव देह को मुक्तिधाम पहुंचाया।
हरदा। अब समाज की बेटियां हर वह कार्य करने आगे आ रही हैं जो कभी बेटों के हक में माना जाता रहा है। जिले के ग्राम छोटी छीपानेर निवासी को जिंदगी भर शायद ग़म रहा होगा कि पुत्र न होने से उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा। मगर उनकी तीनों बेटियों ने आगे आकर पुत्री के साथ पुत्र का कर्त्तव्य भी निभाकर समाज में विरली मिसाल पेश की।
जानकारी के अनुसार पुत्र विहीन रहे छोटी छीपानेर के निवासी शोभाराम पटेल का विगत दिवस 75 वर्ष की आयु में देवलोक गमन हो गया।
मगर उनकी तीनों बेटी सुनीता-विनोद, नर्मदी-रामचरण और कृपा-शुभम ने कांधा देकर पिता की पार्थिव देह को मुक्तिधाम पहुंचाया। यहां भी इन बहनों ने मुखाग्नि देकर अग्निदाह संस्कार संपन्न कराया। यह जानकारी जांगड़ा समाज के पूर्व जिलाध्यक्ष रामविलास वकोरिया ने दी। उन्होंने कहा कि इन बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाकर अपने दिवंगत पिता का मान बढ़ाया। उनकी हिम्मत और कर्त्तव्यनिष्ठा को देखकर समाज के लोग अभिभूत हुए हैं। ऐसी बेटियां नसीबों से मिलती हैं।