ब्रेकिंग
इन्दिरा सागर बैक वाटर से निकल रहे मेग्नेट पत्थर , लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र लौह पत्थर पटाखा फटने से दुकान में लगी आग : 5 लोगों की दम घुटने से हुई मौत हंडिया: भूसे का अवैध परिवहन करने वाले आयशर वाहन को पुलिस ने पकड़ा, केस दर्ज बैलगाड़ी दौड़: मान्या शर्मा हरदा गोलापुरा की बैल जोड़ी ने 51 हजार का पहला इनाम जीता और लोकेश पवार जा... हरदा: यातायात जागरूकता रथ का शुभारंभ, पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे ने दिखाई हरी झंडी मनुष्य कभी भी जीव जंतु या पशु पक्षी या जानवर की योनी प्राप्त नहीं करता: आदरणीय नीलम दीदी जी हरदा: एक पौधा मां के नाम अभियान चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेट, खबर के बाद जनपद सीईओ ने बनाया जांच दल होग... सिराली: 12 को आमासेल के क्लस्टर कैम्प में ग्रामीणों को मिलेगा योजनाओं का लाभ Big breaking news हरदा : मजदूरों से भरा पिकअप वाहन पलटा 1 दर्जन मजदूर घायल, एक मजदूर  की मौत हरदा: जिला मुख्यालय पर तीन अलग अलग चोरी की वारदात करने वाले चोरो को पुलिस ने किया गिरफ्तार, चोरी का...

Harda: जन जातीय गौरव दिवस मनाया गया

हरदा– हरदा आदर्श महाविद्यालय हरदा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में मूलनिवासी स्वंतत्रता सेनानी वीरांगना झलकारी बाई, रानी लक्ष्मीबाई व बिरसा मुंडा की जयंती जन जातीय गौरव दिवस के रूप में मनायी गयी। जिसकी शुरुआत ज्ञान की देवी माँ सरस्वती, युवाओं के प्रेरणा पुरूष स्वामी विवेकानंद जी व स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा जी के छाया चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण कर की गई। इसके पश्चात सलोनी सैनी और श्रेया हुरमाले के द्वारा स्वागत गीत एवं स्वागत भाषण प्राध्यापक प्रभुदयाल उमरिया द्वारा किया गया।

- Install Android App -

मुख्य वक्ता के रूप में रमेश मर्सकोले, सीमा निराला और अनिता दमाड़े उपस्थित हुए एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी तपिश सोलंकी ने की। इस मौके पर रमेश मर्सकोले द्वारा बताया गया कि संस्कृति, सम्मान और स्वतंत्रता के लिये आजीवन संघर्ष करने वाले आदिवासी नेता और जननायक भगवान बिरसा मुंडा के व्यतक्तित्वम एवं क़ृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा एक ऐसे नायक थे जिन्होने भारत के इतिहास में अपने क्रातिकारी चिंतन से आदिवासी समाज की दशा एवं दिशा बदलकर नवीन राजनीतिक एवं सामाजिक युग का प्रारंभ किया। सीमा निराला ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा और झलकारी बाई को आदिवासियों के पुनर्जागरण का मसीहा बताया।
जा कर रण में ललकारी थी, वह तो झाँसी की झलकारी थी।
गोरों से लड़ना सिखा गई, है इतिहास में झलक रही, वह भारत की ही नारी थी।
इस अवसर पर अभाविप जिला संयोजक पुरुषोत्तम झिंझोरे , अनिता दमाड़े, सुभाष मर्सकोले ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इसके पश्चात  झालूर झुलूर गाड़ी बोना….. व काली चिड़ी तू बड़ी नखराली रे……. पर विद्यर्थियों द्वारा आदिवासी लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन वाणी धार्मिक ने किया तथा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के प्रति आभार प्राध्यापक प्रभुदयाल उमरिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम में समस्त महाविद्यालय स्टॉफ व छात्र- छात्राए उपस्थित रहा।