भोपाल/हरदा : पीएम की गारंटी देने वाली चुनावी सभा वाले खेत में कीलों की फसल चुनता किसान हैरान परेशान, पीडब्ल्यूडी विभाग ने रखी शर्त
भोपाल/हरदा : प्रधानमंत्री जी की चुनावी सभा को हुए करीब एक महीना होने को है। अबगांव खुर्द का करोड़े परिवार प्रशासन और नेताओं के आश्वासन पर सिर धुनते हुये अपने खेत से स्पीकर की मदद से कीलों बिरंजी चुन रहे हैं। करोड़े परिवार का कहना है कि आगामी फसल की तैयारी में ट्रैक्टर का टायर इन किलों से क्षतिग्रस्त होगा साथ ही दवाई देते समय पैर में कीलों चुभने व सेप्टिक होने की आशंका होगी। फिलहाल किसान मोदीजी की गारंटी और स्थानीय नेताओं व प्रशासन के आश्वासन को याद कर अपने खेत मे कीलों की फसल को चुन रहे हैं। प्रशासन की रास्ता देखकर उकताए करोड़े परिवार चार दिन से इस काम मे बच्चों सहित जुटे हैं।
किसान कांग्रेस के केदार सिरोही जो सभा के पूर्व किसान के खेत को दुरुस्त करने की लड़ाई लड़ रहे थे। आज उन्होंने फिर से मोर्चा संभाल लिया है।
मोदी की सभा स्थल पर खेत में एक माह बाद भी गिट्टी पड़ी है किसान बिरंजी ओर शराब बांटल के कांच बिन रहा। #harda pic.twitter.com/hVBIV5kpSP
— MAKDAI EXPRESS 24 (@Makdai24) May 17, 2024
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किसान नेता पहुंचे पीड़ित किसान के खेत –
केदार सिरोही से खेत मे ही बात करते हुए अरविंद करोड़े बताते हैं कि पीडब्ल्यूडी विभाग की सौंपे गए दायित्व के तहत उन्होंने अधिकारियों से बात की तो वे कहते हैं कि यदि आप हाइवे से लगे रैंप (सभा के लिए रोड़ व खेत पर बना रास्ता) को हमें उठाने देंगे तो ही हम खेत को दुरुस्त कर देंगे । अन्यथा खेत आपको ही दुरुस्त करना होगा। अभी खेत मे बियर की फूटी बोतल, गिट्टी के ढेर, डामर रोड, गायब वाटर कोर्स, नालियां आदि बहुत से काम हैं। बारिश के मौसम को देखते हुए करोड़े परिवार सिर धुन रहा है कि आखिर उसके खेत का क्या होगा।
मालूम हो पटवारी ने पहले अपने दस्तखत के साथ करोड़े परिवार को एक सहमति पत्र दिया था। जो आचार संहिता में दिया गया था। इस पत्र के वायरल होने के बाद प्रशासन ने आननफानन किसान पर दवाब बनाकर उनके सहमति के वीडियो जारी करवाये थे।
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नया सहमति पत्र बनाया –
हरदाः पीएम मोदी के दौरे के पूर्व सभास्थल के मालिक कृषकों ने की शिकायत ! – किसान के साथ अन्याय हुआ तो करेंगे आंदोलन – केदार सिरोही !
किसान करोड़े परिवार ने मकड़ाई एक्सप्रेस को रूबरू मुलाकात में बताया कि मोदी जी की सभा के पहले टीआई पटवारी तहसीलदार आदि घर आये थे। पटवारी ने एक नया सहमति पत्र उन्हें देकर उस पर दस्तखत लिए थे। और कहा कि पुराना सहमति पत्र फाड़ देना।
तत्समय मीडिया में आये एक वायरल वीडियो जिसमे सभा के पहले जिला प्रशासन के आला अधिकारी ने किसानों को बुलाकर उनकी समस्या सुनी थी उसमें एक महिला राजस्व अधिकारी को किसानों को आश्वस्त करते हुए पटवारी से सहमति लेने व पटवारी के साइन कर देने की बात स्पष्ठ सुनी गई है।
बहरहाल, मोदीजी की गारंटी पर भरोसा कर, प्रशासन व सियासत के दबाव में अपना खेत सभास्थल के लिए देने वाले किसान की हालत देखने वाला कोई नहीं है। भला हो किसान नेता केदार सिरोही का जो आज किसान के खेत पहुंचकर उसके हाल जाने और फेसबुक पर उसकी समस्या का वीडियो अपलोड किया।
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