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हरदा: 21 अगस्त को भारत बंद हरदा बंद का आह्वान: SC , ST समाज रेली निकालकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेगा! जानिए क्यों रखा जा रहा है भारत बंद

हरदा। मध्यप्रदेश सहित पूरे भारत वर्ष में एससी एसटी समाज के द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया गया है। उसी तारतमय में हरदा जिले में भी एसी एस टी समाज के द्वारा समर्थन में हरदा बंद की अपील व्यापारियों आमजन सभी से की जा रही है। समाज के लोगो का कहना है कि सुप्रीम कोट के फैसले के विरोध में संपूर्ण हरदा को बंद किया जा रहा है। जिसमें समस्त एससी- एसटी समाज एवं संगठन एकत्रित होकर शांतिपूर्ण हरदा को बंद करने की अपील करेंगे।

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संगठन से जुड़े पंकज आंबेडकर ने बताया कि हरदा के अंबेडकर चौक पर 21 अगस्त 2024 को सुबह 9:00 बजे एकत्रित होंगे साथ ही सम्पूर्ण हरदा में रैली के माध्यम से हरदा बंद करने हेतु समस्त हरदा की जनता से अपील करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सोयेंगे।

पंपलेट बैनर पोस्टर में की गई ये अपील,

अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति का आरक्षण बचाओ बाबा साहब का दिया मूल निवासियों (SC, ST) का अधिकार बचाओ!

समस्त भारत के मूलनिवासी सहित जिला हरदा के ST, SC से अपील की जाति है कि आपको हजारो साल मानव विरोधी ताकतों ने आपको नारकीय जीवन जीने को मजबूर किया। सन 1950 को बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान बनाकर भारत के मूलनिवासी (ST, SC) को मानवीय जीवन जीने का अधिकार दिया और जिसमें समानता, शिक्षा, एवं छूआछूत मिटाने और सामाजिक समानता लाने के लिये कानून बनाया जिससे दोनों वर्गो का कुछ हद तक सुधार हुआ परंतु वर्तमान सरकार को यह नहीं हजम हो रहा और यह पिछले दरवाजे से अनुसूचित जाति जनजाति को विकास कैसे रोका जावे उसी क्रम 2018-ST, SC एक्ट को खत्म करने की साजिश की परन्तु अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों ने 2 अप्रैल 2018 को संगठित होकर पूरा भारत बंद किया जिसमे हमारे मप्र 11 नौजवान साथी शहीद हुए और सरकार को मजबूर होकर • संसद में विधेयक लाकर उस कानून को निरस्त करना पड़ा इसी प्रकार अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर लगाकर कोटे के अंदर कोटा करके जातियों में विभाजित करके जातियों में दुश्मनी पैदा करके आरक्षण को खत्म करना चाहती है माननीय उच्चतम न्यायालय का जो आदेश आया संसद सत्र चालू था सरकार की नियत सही होती तो इस बीच संसद में बात रखखकर और विधेयक लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी पलट सकती थी परंतु ऐसा नहीं किया दिखावे के लिए हमारे एससी एसटी के सांसदों को बुलाकर और निवेदन करवाया जिसमें • आश्वासन दिया रोक नहीं लगाई 2004 का यह आदेश जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी एसटी के आरक्षण में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकते पर आज 20 साल बाद क्या सुप्रीम कोर्ट को क्या आवश्यकता पड़ गई उसने अपना ही आदेश पलट दिया कोटे के अंदर कोटा करके और अनुसूचित जाति और जनजाति में जाति विभाजन कर आरक्षण को खत्म करने की पहल है साथियों आपको अपने

 

परिवार का समाज का, भविष्य अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना है तो आदेश को खत्म करने के लिए एकत्रित होवे।