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किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है, क्योंकि वह आरोपी है-सुप्रीम कोर्ट  

आरोपी के अवैध निर्माण को भी नोटिस देकर गिराया जा सकता

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 उप्र।विगत 2 वर्षो मे अपराधियो के खिलाफ बुलडोजर कार्यवाही बहुचर्चित रही है। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में अपराधियों के खिलाफ हुई बुलडोजर कार्रवाई मे घर अचल संपत्ति को तोड़ा गया है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है, क्योंकि वह आरोपी है।

बिना नोटिस के घर गिराये

ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे ध्वस्त किया जा सकता है, क्योंकि वह आरोपी है। याचिका में बिना नोटिस घरों के गिराने का आरोप लगाया गया है।

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नोटिस देकर ही अवैध निर्माण गिराया जा सकता

शीर्ष अदालत में सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि म्युनिसिपल नियमों के मुताबिक नोटिस देकर ही अवैध निर्माण को ढहाया जा सकता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बारे में दिशानिर्देश बनाएंगे। इसका सभी राज्य पालन करें। देश भर में चल रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई अब 17 सितंबर को करेगा।

जस्टिस गवई ने की सरकार की सराहना की

जस्टिस गवई ने कहा कि यूपी सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि अचल संपत्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही ध्वस्त किया जा सकता है। यूपी के विशेष सचिव गृह ने भी हलफनामा दाखिल किया है। हम अखिल भारतीय स्तर पर कुछ दिशा-निर्देश तय करने का प्रस्ताव रखते हैं, ताकि उठाई गई चिंताओं का समाधान किया जा सके। हम यूपी सरकार द्वारा उठाए गए कदम की सराहना करते हैं।