हंडिया: हंडिया गौशाला में तथाकथित गौभक्त के द्वारा सरपंच सचिव से 10 हजार महीने की मांग , गरीब आदिवासी कर्मचारियों से भी प्रतिमाह 1 हजार रुपए महीने की मांग की ,कलेक्टर के पास पहुंची शिकायत
हरदा हंडिया: ग्राम पंचायत हंडिया द्वारा संचालित गौशाला में संचालन कार्य में गांव के एक युवक के द्वारा व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। युवक के द्वारा गौसेवा के नाम पर संगठन में जुड़कर इधर गौशाला संचालन समिति के सदस्यों पर दबाव बनाया जा रहा है।
मंगलवार को जिला जनसुनवाई में हंडिया के सरपंच उप सरपंच ने एक शिकायत आवेदन देते हुए बताया कि
गौ सेवक अभिषेक लोधी द्वारा अनैतिक पैसे की मांग एवं गौशाला कर्मचारी से अभद्र व्यवहार एवं दबाव बनाने से गौशाला चलाने में अधिक कठिनाइयां आ रही हैं। लिखित शिकायत में सरपंच लखन लाल भिलाला ग्राम पंचायत हंडिया एवं उपसरपंच शरण तिवारी ग्राम पंचायत हंडिया ने आरोप लगाया कि अभिषेक लोधी लगातार पैसे की मांग कर रहा है।
जिसके कारण हम परेशान है। सरपंच उपसरपंच का आरोप है कि युवक अभिषेक कहता है कि आप मुझे ₹10000 हर माह दे। गौ सेवक अभिषेक लोधी द्वारा दबाव बनाया जा रहा है जिसके कारण गौशाला की आए दिन झूठी शिकायत करवा रहा है । जिसके कारण गौशाला में हमारी छवि खराब हो रही है।
कर्मचारियों पर भी दबाव बनाया जा रहा है।
शिकायत पत्र में गौशाला में कार्य करने वाली राधाबाई पति मनोहर गौशाला कर्मचारी एवं सखाराम पिता ‘छन्नो लाल एवं मनोहर पिता पूनिया हम तीनों गौशाला कर्मचारी आदिवासी हैं। इनका भी आरोप है कि अभिषेक अभद्र भाषा का उपयोग कर पैसे मांगता है। आदिवासी बुड्ढे बुद्धि एवं जातिगत शब्दों का अभिषेक लोधी द्वारा प्रयोग करते हुए कहा जाता है।
कि तुम लोग मुझे एक ₹1000 महीना दो नहीं तो तुम सब को गौशाला से भगा दूंगा ।ऐसी अभद्रताओं के कारण कर्मचारी भी गौशाला में कार्य करने में असमर्थ हैं।
जिससे ग्राम पंचायत ने गौ सेबक अभिषेक लोधी पर अति शीघ्र कार्रवाई कराई जाए।
जिससे की गौशाला चलाने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो ।
इस प्रकार बनाता है दबाव।
शिकायत पत्र में गौशाला समिति पंचायत के सरपंच उपसरपंच ने बताया कि युवक
दबाव बनाकर कहता है कि मुझे अभिषेक लोधी कहा जाता है की कोई भी आवारा मवेशी गांव में घूम रहा हो तो उसे किसी के द्वारा गौशाला में भिजवाओ नहीं तो झूठी शिकायत करता है ।
एक्सीडेंट या बीमार पशु गौशाला में ले जाते हैं जिन्हें डॉक्टर द्वारा प्रतिदिन इलाज किया जाता है।
किसी कारण गोवंश मृत हो जाता है। उसकी झूठी शिकायत की जाती है ।गोवंश को भूसा डाला जाता है भूसे में जो भूसा मोटा होता है उसे सोयाबीन की लकड़ी बताकर शिकायत की जाती है ।
गौशाला में कोई बीमार पशु होता है इलाज के दौरान उसकी लचर व्यवस्था की फोटो खींचकर इसकी शिकायत की जाती है ।
जबकि गौशाला में भूस चारा इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था है । शिकायत में यह भी उल्लेख है कि
अगस्त माह 2024 के बाद से चार माह का कोई भी गोवंश का मानदेय प्राप्त नहीं हुआ है।लेकिन हमारी समिति उसके बाद भी चारा भूसे की पर्याप्त व्यवस्था संचालन समिति द्वारा की गई है ।
पंच व पत्रकार पर भी बनाया दबाव,महीने के पैसे दिलवाओ नहीं तो करूंगा बदनाम
अभिषेक को तहसील अध्यक्ष बनने के बाद उसने सरपंच सचिव उप सरपंच पर दबाव बनाने के साथ उसने पंचायत के पंच और पत्रकार सुमित खत्री कर भी दबाव बनाया। की आप पंचायत से मुझे पैसा दिलवाओ नहीं तो आपको भी बदनाम करूंगा कि आप शहर में अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे हो। खबरे लगा रहे हो। मालूम हो कि अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग लंबे समय से मकड़ाई एक्सप्रेस के माध्यम से जनहित में की जा रही है। अब अभिषेक लोधी जैसे लोग उन अवैध अतिक्रमणकर्ताओं के बचाव में खड़े हो गए। और पत्रकारिता को रोकने कलम पर दबाव बनाने का काम कर सोशल मीडिया कर विवादित पोस्ट कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
दबाव बनाने के लिए पिछले दिनों अभिषेक ने सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट शेयर कर पत्रकार शब्द पर टीका टिप्पणी की। जिससे पत्रकारों की छबि धूमिल करने की कोशिश की गई।
हम आपको बता दे कि अभिषेक को एक गौशाला समिति में तहसील अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। लेकिन पद मिलते ही वो अपने आपको बहुत बड़ा पदाधिकारी समझने लगा।
जबकि एक जिम्मेदार पद पर रहने वाले व्यक्ति को गंभीरता से जनहित के मुद्दे उठाना चाहिए। गौसेवा का उद्देश्य निस्वार्थ होना चाहिए। अगर आरोप लगाया है तो तथ्य और प्रमाण भी होना चाहिए। हवा में तीर चलाकर नगर का माहौल सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर खराब करने की कोशिश की गई।
उल्टे ये ही अभिषेक लोधी एक माह पहले सोशल मीडिया पर सुमित खत्री के कार्यों की सराहना करता था। ऐसा क्या हुआ कि एक माह बाद निडर निष्पक्ष पत्रकार कहने वाले पत्रकार और पंच की झूठी शिकायत करना सोशल मीडिया कर बदनाम करना इन्होंने पेशा बना लिया। ये अभिषेक लोधी खुद कर रहा है कि किसी के कहने पर ये काम कर रहा है।
जिला प्रशासन को निष्पक्ष जांच करना चाहिए। और शासन को गुमराह करने वाले व्यक्ति पर कड़ी कार्यवाही करना चाहिए। ताकि नगर की शांति व्यवस्था भंग न हो। और प्रशासन के अधिकारियों का भी कीमती समय बेवजह ऐसे झूठी शिकायतों में खराब न हो।