मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर : शहर में नगर निगम में फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये के भुगतान के मामले में पुलिस ने नगर निगम के दो अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर आडिट समरसिंह परमार और सहायक आडिटर रामेश्वर परमार को गिरफतार किया है। मामले में इनकी भूमिका यह रही है कि इन्होने घोटाले की फाइल आगे फारवर्ड की हैं। ज्ञात हो कि निगमायुक्त शिवम वर्मा की जांच कमेटी ने फर्जीवाड़े में आडिट विभाग के अधिकारियों पर संदेह किया था। निगमायुक्त ने आडिट विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई के आधार पर शासन के वित्त विभाग ने आडिट शाखा के इन चार वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।
पुलिस ने डिप्टी डायरेक्टर समर सिंह, सहायक आडिटर रामेश्वर परमार किया गिरफ्तार –
इसमें संयुक्त संचालक अनिल कुमार गर्ग, डिप्टी डायरेक्टर समर सिंह, सहायक आडिटर रामेश्वर परमार और वरिष्ठ आडिटर जेएस ओहरिया शामिल हैं। एमजी रोड पुलिस ने शुक्रवार को समरसिंह परमार और रामेश्वर परमार को गिरफ्तार कर लिया।इन दोनो ने बताया कि हमारे द्वारा आडिट पर फाइलें भुगतान के लिए भेज दी गईं। पुलिस ने शुक्रवार को नोटिस जारी कर पूछताछ हेतु बुलाया और गिरफ्तारी ले ली। मामले में ज्वाइंट डायरेक्टर अनिल गर्ग और सीनियर आडिटर जगतसिंह ओरिया भी संदेही हैं। दोनों की भूमिका की जांच जा रही है।
इन लोगो को किया गिरफतार –
नगर निगम घोटालें के मामले में समरसिंह परमार और रामेश्वर परमार के पहले फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड इंजीनियर अभय राठौर, उदय सिंह भदौरिया, चेतन भदौरिया, राजकुमार साल्वी, मुरलीधरन को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी तरह ठेकेदार मोहम्मद सिद्दकी, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद साजिद, राहुल वढेरा, रेणु वढेरा, इमरान, मौसम व्यास को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में एहतेमाश उर्फ काकू और सुनील गुप्ता की कार से मूल फाइलों को चुराने का संदिग्ध आरोपित आशु फरार है। इसमें से मुरलीधरन को हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।