jhankar
ब्रेकिंग
बिग न्यूज हरदा: युवक के पेट में चाकू से हमला, भोपाल रेफर ! छिपानेर रोड की घटना  स्कूल में छात्रों के बीच मारपीट जमकर हंगामा, चले डंडे ग्राम बगवाड़ा की सरकारी स्कूल का मामला प्राचार... खंडवा में नाबालिग लड़की का हाथ पकड़कर की छेड़छाड़, हिंदू जागरण मंच ने लगाए गंभीर आरोप बड़वानी : छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ 40 बच्चे कलेक्टर से मिलने पैदल पहुंचे नीमच में ट्रेन के दो इंजन आपस में टकराने से हादसा, 3 कर्मचारी घायल इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे, पानी की बौछार चलाकर खाली... छिंदवाड़ा में जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश पर 3 के खिलाफ FIR एक सैनिक की मौत के बाद थाई सेना ने कंबोडिया पर की एयर स्ट्राइक ऑस्ट्रिया की बर्फीली चोटी पर विंटर चाइल्ड की ठंड से मौत सप्ताह की शुरुआत में सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट

इजराइल ने हिजबुल्लाह से चल रहे सीजफायर के बीच बेरुत पर किया हमला

तेल अवीव। एक बार फिर इजराइली सेना ने रविवार को बेरुत में एयरस्ट्राइक कर हिजबुल्लाह के वरिष्ठ नेता हयथम अली तबाताबाई को मार गिराने का दावा किया है। हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच सीजफायर चल रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इजराइल ने ये हमला क्यों किया? इजराइल ने हमले की वजह बताई। इजराइल के मुताबिक यह हमला शहर के बीचोबीच किया गया, जहां तबाताबाई मौजूद था और संगठन की तैयारी और हथियारों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल डिफेंस फोर्सेज ने उसे हिजबुल्लाह का चीफ ऑफ स्टाफ बताया और कहा क वह रेडवान यूनिट की कमान संभाल रहा था। यह वही यूनिट है जिस पर इजराइल के खिलाफ सीमा पार हमलो की योजना बनाने का आरोप है। इजराइल के पीएम नेतन्याहू के दफ्तर ने कहा कि यह हमला ‘बेरुत के दिल’ में किया गया और निशाने पर सिर्फ तबाताबाई था।

- Install Android App -

बता दें तबाताबाई का जन्म 1968 में बेरुत में हुआ था। उनकी मां दक्षिण लेबनान की थीं और पिता ईरान के। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह 12 साल की उम्र में हिजबुल्लाह से जुड़ गया। 2015 में भी इजराइल ने दक्षिण सीरिया में उस पर हमला किया था, जिसमें जिहाद मुगनिया की मौत हुई थी, जो हिजबुल्लाह कमांडर इमाद मुगनिया का बेटा था, लेकिन इस हमले में तबाताबाई बच निकला था। 2024 के आखिर में हिजबुल्लाह के कई सीनियर नेताओं के मारे जाने के बाद तबाताबाई संगठन में और ऊपर उठ गया। अमेरिका ने 2016 में उसे आतंकवादी घोषित कर दिया था और उनके बारे में जानकारी देने पर 5 मिलियन डॉलर यानी 45 करोड़ रुपए तक का इनाम रखा था। हिजबुल्लाह के अंदर वह दूसरे नंबर पर माना जाता था। उसके ऊपर हिजबुल्लाह के सेक्रेटरी जनरल नाइम कासेम के बाद सबसे ज्यादा जिम्मेदारी थी।

हालांकि हिजबुल्लाह ने हमले की पुष्टि तो की है, लेकिन मारे गए व्यक्ति की पहचान सार्वजनिक नहीं की है। संगठन के अधिकारी महमूद कोमाती ने कहा कि हमला एक अहम व्यक्ति पर किया गया है और यह कदम ‘नई रेड लाइन’ पार करता है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमले में पांच लोगों की मौत हुई और 28 घायल हुए हैं।