Madhya Pradesh News : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि एमपी ( Madhya Pradesh ) के इन इलाकों में 17 नए स्टेशन बनाए जाएगे जिससे लोगों को ये खास सुविधाएं मिलने वाली है। इस अपडेट से जुड़ी पुरी जानकारी जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़ें.
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शहर में जहां मेट्रो ट्रेन (metro train) चलाने की कवायद जोर पकड़ रही और अगले माह ट्रायल रन भी होने वाला है। दूसरी ओर इंदौर में लवकुश चौराहे से महाकाल मंदिर तक रैपिड रेल (rapid rail) ट्रांजिक्ट सिस्टम (आरआरटीएस) भी बनाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) कंसल्टेशन द्वारा इस रूट पर सर्वे किया जा चुका है।
सिंहस्थ के पहले इंदौर से उज्जैन के बीच आरआरटीएस प्रोजेक्ट को तैयार करने की योजना है। ऐसे में भविष्य में इंदौर से एलिवेटेड ट्रेन में बैठकर उज्जैन जा सकेंगे। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन द्वारा दिल्ली से मेरठ के बीच शुरू की आरआरटीएस के बाद इंदौर से उज्जैन के बीच इस तरह की ट्रेन सेवा का यह दूसरा प्रोजेक्ट देश में होगा।
यह संभावना जताई जा रही है कि इंदौर में 14 सितंबर को होने वाले ट्रायल रन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इंदौर से उज्जैन के बीच आरआरटीएस की घोषणा कर सकते हैं। इसी तर्ज पर इंदौर से पीथमपुर के बीच भी एलिवेटेड रेल कारिडोर की घोषणा भी होने की संभावना है। जल्द ही इस प्रोजेक्ट के लिए निर्माण एजेंसी तय होने की संभावना जताई जा रही है।
44 किमी एलिवेटेडव और पांच किमी अंडग्राउंड होगा रेल ट्रैक-
इंदौर से उज्जैन के बीच रैपिड रेल ट्रांजिक्ट सिस्टम (Rapid Rail Transit System) के सर्वे के बाद 22 अप्रैल को इस प्रोजेक्ट के संबंध में मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी के समक्ष एक प्रेजेंटेशन किया गया था। इसमें भी इस रेल प्रोजेक्ट (rail project) को शुरू करने की योजना बनाई गई थी।
इंदौर के लवकुश चौराहे से महाकाल मंदिर तक 49 किमी दूरी में आरआरटीएस प्रोजेक्ट तैयार होना है। इसमें लवकुश चौराहे उज्जैन तक 44 किमी हिस्सा एलिवेटेड रहेगा। उज्जैन में महाकाल मंदिर के आसपास सघन बसाहट होने से एलिवेटेड मेट्रो के निर्माण के लिए जगह नहीं मिल पाएगी। ऐसे में उज्जैन में महाकाल मंदिर तक पांच हिस्सों में अंडरग्राउंड मेट्रो को प्रस्ताव दिया गया है।
आरआरटीएस के इस हिस्से में 17 मेट्रो स्टेशन बनाने की योजना है। इंदौर से उज्जैन के बीच मौजूदा सड़क मार्ग के बीच सेंट्रल डिवाइडर वाले हिस्से में ही पिलर लगाए जाएंगे और उसके ऊपर वायडक्ट पर मेट्रो की तरह ही ट्रेन चलेगी।
45 मिनट में उज्जैन पहुंच सकेंगे लोग-
महाकाल कारिडोर बनने के बाद भी इंदौर से उज्जैन जाने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। आकलन के मुताबिक प्रतिदिन इंदौर से एक से डेढ़ लाख लोग उज्जैन सड़क मार्ग से जाते हैं।
ऐसे में इंदौर से सांवेर, धरमपुरी होते हुए उज्जैन तक आरआरटीएस बनने से एलिवेटेड रेल ट्रैक से लोगों की आवाजाही का मार्ग सुलभ होगा व सड़क मार्ग के मुकाबले कम समय में 40 से 45 मिनट में लोग आरआरटीएस के माध्यम से उज्जैन पहुंच सकेंगे।
इंदौर से पीथमपुर के बीच भी रेल सेवा-
इंदौर-उज्जैन की तर्ज पर इंदौर से पीथमपुर के बीच भी आरआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत एलिवेटेड ट्रेन चलाने की योजना है। इस हिस्से में 27 किमी की दूरी तक ट्रेन चलाने की योजना है। इसका सर्वे होना शेष है। पीथमपुर में काफी औद्योगिक इकाइयां होने के कारण इंदौर से काफी संख्या में लोगों की आवाजाही पीथमपुर हाेती है।
14 सितंबर को इंदौर में होगा ट्रायल रन, डायरेक्टर ने किया ट्रेक निरीक्षण-
शहर में गांधी नगर स्टेशन से सुपर कारिडोर के स्टेशन नंबर तीन के बीच 5.9 किलोमीटर हिस्से में मेट्रो का ट्रायल रन 14 सितंबर को होना है। ऐसे में मेट्रो रेल प्रबंधन द्वारा कार्य को तेजी से पूरा करने की कवायद की जा रही है। मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन लि. के डायरेक्टर अजय शर्मा ने सोमवार को मेट्रो के ट्रायल रन वाले हिस्से पर ट्रैक निरीक्षण किया।
उन्होंने गांधी नगर स्टेशन व सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर तीन पर की जा रही तैयारी को देखा। ट्रायल रन के पहले मेट्रो के स्टेशन व ट्रैक पर 11 सितंबर तक निर्माण संबंधित कार्य पूरा किया जाएगा।
इसके पश्चात स्टेशन के आसपास निर्माण संबंधित मलबा हटाने के साथ स्टेशन को सजाने का काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के हाथों ट्रायल रन होना है। स्टेशन पर फूलों के साथ आकर्षक सजावट भी की जाएगी। इसके अलावा ट्रायल रन के शुभारंभ के पोस्टर- बैनर भी शहर में लगाए जाएंगे।