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MP ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान में अव्वल, मेनका गांधी ने राष्ट्रीय पुरस्कार से किया सम्मानित

रीवा: केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के बेहतर क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में पहले स्थान पर चयनित किया गया। जिसके लिए महिला एवं बाल विकास मप्र के तत्कालीन कमिश्नर एवं वर्तमान रीवा कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव का चयन हुआ था। उन्हें गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी एवं राज्य मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

बता दें कि, भारत सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का पुरस्कार देश भर के पांच राज्यों को ही दिया गया है। जिसमें मध्यप्रदेश पहले स्थान पर अंकित है। जिसमें प्रदेश ने बेहतर सहयोग एवं मजबूत निर्देशन एवं मार्गदर्शन के अभियान का धरातल पर क्रियान्वयन करने में सबसे अच्छा कार्य किया है। इस अभियान को पूरे हुए चार साल हो गए हैं। सफल कार्य का क्रियान्वयन करने एवं दिल्ली में सम्मानित होने पर मध्यप्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव जे. एन. कांसोटिया ने कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव को बधाईयां व शुभकामनाएं दी हैं

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क्यों शुरू की गई यह योजना?

बालिकाओं के अस्तित्व, सुरक्षा तथा शिक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से देश के अति कम शिशु लिंग अनुपात वाले जिलों में वर्ष 2015 में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरूआत की गई। इस योजना में मध्यप्रदेश के 42 जिले शामिल हुए है। इस योजना को सघन एवं समन्वित प्रयासों से शिशु लिंग अनुपात में सुधार के लिए जन अभियान के रूप में संचालित किया जा रहा है। योजना के निगरानी मूलक लक्ष्यों में चयनित जिलों में जन्म के समय शिशु लिंगानुपात में वृद्धि करना, पांच वर्ष से कम आयु के शिशुओं की मृत्यु दर में लिंग आधारित अन्तर को कम करना, समुदाय को शिशु लिंगानुपात तथा बालिका शिक्षा के प्रति जागरुकता करने के लिए गांव से लेकर शहर और महानगर तक लोगों को प्रशिक्षित करना इत्यादि है।