मकड़ाई समाचार भोपाल। मध्यप्रदेश में व्यवसायिक शिक्षकों (आउटसोर्स कर्मचारी) द्वारा वेतन नहीं तो काम नहीं आंदोलन शुरू कर दिया गया है। सरकारी स्कूलों के प्राचार्य द्वारा भी व्यवसायिक शिक्षकों को सपोर्ट किया जा रहा है क्योंकि उन्हें पिछले 8 महीने से वेतन नहीं दिया गया है।
शिक्षकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल
कई व्यवसायिक शिक्षकों ने प्राचार्य को लिखित में दे दिया है कि जब तक उन्हें वेतन नहीं मिलेगा तब तक वह अपने कर्तव्य पर उपस्थित नहीं हो पाएंगे। व्यवसायिक शिक्षकों ने बताया कि अब तो उनके पास स्कूल आने जाने के लिए भी पैसा नहीं बचा है। राशन और दूध वालों ने भी उधार देने से मना कर दिया है। सभी व्यवसायिक शिक्षकों ने 1 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। अब देखना यह है कि हड़ताल के दौरान व्यवसायिक शिक्षक अपनी समस्याओं की ओर जनता का ध्यान खींच पाते हैं या नहीं।
किसी को भी सैलरी होल्ड करने का अधिकार नहीं
उल्लेखनीय है कि श्रम कानूनों के तहत नियोक्ता की जिम्मेदारी है कि वह निर्धारित समय पर अपने कर्मचारियों को वेतन दे। यदि उसकी प्राप्तियां प्रभावित होती हैं तब भी वह अपने कर्मचारियों के वेतन में न तो कोई कटौती कर सकता है और न ही वेतन रोक सकता है। व्यवसायिक शिक्षकों का कहना है कि उनको नियुक्त करने वाली कंपनियां, जब मिलेगा तब देंगे, जब आ जाएगा तब देखा जाएगा, जैसे जवाब दे रही हैं।