MP News: मध्यप्रदेश के लाखों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी हाईकोर्ट ने वेतन वृद्धि पर सुनाया बड़ा फैसला
MP News: मध्यप्रदेश के लाखों कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए राहत भरी खबर आई है। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों और श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि टेक्सटाइल उद्योग के श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन अगले दो महीने में निर्धारित किया जाए। वहीं, बाकी 20 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारियों और श्रमिकों की वेतन वृद्धि की घोषणा अगले महीने की जा सकती है।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों और मजदूर संघों ने सरकार से तत्काल वेतन बढ़ाने की मांग की है। हालांकि, टेक्सटाइल उद्योग के कर्मचारियों को इस फैसले का लाभ अभी नहीं मिलेगा।
वेतन वृद्धि से कौन होगा लाभान्वित
मध्यप्रदेश में वेतन वृद्धि को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2024 में न्यूनतम वेतन में 25% वृद्धि की गई थी, लेकिन टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन की याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया था। अब जब कोर्ट ने स्टे हटा दिया है, तो सरकार पर श्रमिकों का वेतन बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है।
किन कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा हुआ वेतन?
- आउटसोर्स कर्मचारियों और अन्य मजदूरों को इस फैसले का लाभ मिलेगा।
- टेक्सटाइल उद्योग के श्रमिकों को अभी इंतजार करना होगा क्योंकि उनका न्यूनतम वेतन अलग से तय किया जाएगा।
- प्रदेश के 21 लाख से अधिक कर्मचारियों और श्रमिकों को वेतन वृद्धि का सीधा लाभ मिलेगा।
हाईकोर्ट का निर्णय
इंदौर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस महत्वपूर्ण निर्णय को सुनाया। इसमें कहा गया कि सरकार को टेक्सटाइल कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन निर्धारित करने के लिए मध्यप्रदेश न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड की बैठक बुलानी होगी। इस फैसले से प्रदेश में न्यूनतम वेतन नीति को लेकर एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
सरकार को क्या करना होगा?
- टेक्सटाइल कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन दो माह में तय करना होगा।
- शेष 21 लाख श्रमिकों और आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि जल्द लागू की जा सकती है।
- राज्य सरकार को यह भी बताना होगा कि वेतन वृद्धि को कब से लागू किया जाएगा।
सीटू का विरोध श्रमिकों को दो भागों में बांटना गलत
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) ने सरकार द्वारा श्रमिकों को दो श्रेणियों में बांटने का विरोध किया है। सीटू के वकील बाबूलाल नागर ने कोर्ट में दलील दी कि सरकार ने स्टे हटने के बाद श्रमिकों को अलग-अलग श्रेणियों में कैसे बांट दिया। सीटू का कहना है कि श्रमिकों को समान वेतन और समान अधिकार मिलने चाहिए।
सीटू ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। संगठन का कहना है कि सरकार को सभी श्रमिकों को समान रूप से बढ़ा हुआ वेतन देना चाहिए, चाहे वे टेक्सटाइल उद्योग में काम कर रहे हों या किसी अन्य क्षेत्र में।
मध्यप्रदेश में न्यूनतम वेतन का इतिहास
- 2019 – मध्यप्रदेश न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड ने 25% वृद्धि की सिफारिश की थी।
- अप्रैल 2024 – सरकार ने इसे लागू कर दिया और न्यूनतम वेतन बढ़ाया गया।
- मई 2024 – टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन की याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर स्टे लगा दिया।
- दिसंबर 2024 – कोर्ट ने स्टे हटा दिया, जिससे वेतन वृद्धि का रास्ता साफ हुआ।
- जनवरी 2025 – सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों और टेक्सटाइल श्रमिकों को अलग-अलग श्रेणियों में बांट दिया।
अब सरकार को तय करना होगा कि टेक्सटाइल कर्मचारियों को कब और कितना बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा।
कर्मचारियों के लिए यह फैसला क्यों अहम है?
- लाखों कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन में वृद्धि का लाभ मिलेगा।
- टेक्सटाइल उद्योग के श्रमिकों को भी जल्द नए वेतनमान का फायदा मिलेगा।
- अगले दो महीनों में न्यूनतम वेतन तय करने की प्रक्रिया पूरी होगी।
- श्रमिक संघों और संगठनों का सरकार पर दबाव बढ़ेगा।
- आउटसोर्स कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
अगर आप मध्यप्रदेश के किसी भी सरकारी या आउटसोर्स विभाग में कार्यरत कर्मचारी हैं तो अपनी वेतन वृद्धि की स्थिति पर नजर रखें। टेक्सटाइल श्रमिकों को अभी थोड़ा इंतजार करना होगा, लेकिन बाकी कर्मचारियों के वेतन में जल्द ही बढ़ोतरी की घोषणा हो सकती है।
Also Read:-MP Kanya Vivah Yojana 2025: खुशखबरी! अब बेटी की शादी पर सरकार देगी 55,000 रुपए, जानिए पूरी डिटेल!