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Health: इस बीमारी को अपने पार्टनर से भी छिपाते हैं भारतीय पुरुष, कई बार बन जाता है तलाक का कारण, आसान है इलाज !

नई दिल्ली। शुभ मंगल सावधान में आयुष्मान खुराना ने भले ही इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) को एक नियमित बातचीत बनाने की कोशिश की हो, लेकिन भारतीयों के लिए इस पर खुलकर बात करना अभी भी आसान नहीं है। कई पुरुषों के लिए इरेक्टाइल डिसफंक्शन उनके अहम का मुद्दा बन जाता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन को नामर्दी से जोड़कर भी देखा जाता है। इसलिए, अधिकांश भारतीय पुरुष इसे छिपाना पसंद करते हैं और मेडिकल ट्रीटमेंट की तलाश नहीं करते हैं।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन से टूट रहे घर
23 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले डॉ. अंजन दास ने इरेक्टाइल डिसफंक्शन को लेकर कहा कि इसकी वजह से कई घर टूट रहे हैं। डॉ. दास ने कहा कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि यह एक ऐसी स्थिति है जिसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यौन गतिविधि के दौरान पेनिस को इरेक्ट बनाए रखने में असमर्थता का एक परिवार पर विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। इसकी वजह से कई परिवार टूट सकते हैं। इसलिए इरेक्टाइल डिसफंक्शन समुदायों को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रहा है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज संभव
उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर दंपति इसके बारे में बात करने के लिए तैयार हैं, तो डॉक्टर सही उपचार और जीवन शैली में बदलाव कर उन्हें परेशानी से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं।’ डॉ. अंजन दास ने कहा कि ‘यह कई साइकोलॉजिकल फैक्टर जैसे ब्लड वैसल और नर्वस सिस्टम पर निर्भर है। एक पुरुष में इरेक्शन के लिए यौन उत्तेजना और भावना दोनों को एक साथ काम करना चाहिए। डॉक्टर ने कहा कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज किया जा सकता है।

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समस्या को स्वीकार करने से कतराते हैं पुरुष
इरेक्टाइल डिसफंक्शन वाले पुरुष आमतौर पर स्वीकार करने से कतराते हैं कि उन्हें कोई समस्या है। वे पूरी तरह से अंतरंगता से बचना शुरू कर देते हैं और बहाने ढूंढते हैं। ऐसा करने से वह अपने वैवाहिक जीवन को खत्म होने की कगार तक पहुंचा देते हैं। डॉक्टर ने बताया कि महिलाएं भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन से प्रभावित होती हैं। वे खुद को दोष देती हैं कि वे अब अपने साथी के लिए आकर्षक नहीं हैं। या इससे भी बदतर यह है कि उनका साथी उन्हें धोखा दे रहा है।

बढ़ जाती है परेशानी
साइकोलॉजिस्ट शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि जब पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन से पीड़ित होता है, तो एक महिला संकट का अनुभव कर सकती है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कारणों के बारे में शिक्षा की कमी अक्सर एक महिला में डर और चिंता की भावनाओं के उत्पन्न कर देता है। उन्होंने कहा, ‘दर्द और बेबसी महसूस करते हुए पुरुष अपने विचारों को साझा करने से कतराते हैं। इससे उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन असामान्य नहीं
मुखर्जी ने कहा कि ‘यह असामान्य नहीं है और यह मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल और इस्केमिक हृदय रोग (आईएचडी) जैसी मेडिकल कंडीशनों से जुड़ा हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि ‘पिछले 5 वर्षों में, चीजें बदल गई हैं, क्योंकि भारत में अधिक पुरुषों ने इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए डॉक्टरों से संपर्क किया है। हालांकि, डॉक्टर उम्मीद कर रहे हैं कि इससे भी अधिक लोग चार दिवारी से बाहर आएं और अपने परिजनों से समर्थन के लिए बोलें क्योंकि वे चिकित्सा सहायता चाहते हैं।