मुंबई। दवा कंपनियों और बैंकों के शेयरों में लिवाली और विदेशी कोषों के समर्थन से शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स लगभग 329 अंक चढ़ गया जबकि निफ्टी में 104 अंकों की तेजी रही। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 328.72 अंक यानी 0.40 प्रतिशत बढ़कर 82,500.82 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 482.01 अंक बढ़कर 82,654.11 के स्तर पर पहुंच गया था। सेंसेक्स की 30 में से 22 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए जबकि आठ शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी 103.55 अंक यानी 0.41 प्रतिशत बढ़कर 25,285.35 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 148.95 अंक बढ़कर 25,330.75 तक पहुंच गया था। विश्लेषकों ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच गाजा शांति योजना पर सहमति बनने से भू-राजनीतिक तनाव में कमी आने और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की दिशा में सुधार के संकेतों से निवेशक धारणा को बल मिला। सेंसेक्स के समूह में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के शेयर में सर्वाधिक 2.16 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। एसबीआई एवं अन्य सार्वजनिक बैंकों के शीर्ष प्रबंधन के पद पर निजी क्षेत्र से भी आवेदन आमंत्रित किए जाने के कदम से इसमें तेजी रही।
इसके अलावा मारुति सुजुकी इंडिया, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, बीईएल, अदाणी पोर्ट्स, इटर्नल, सन फार्मास्युटिकल्स, पावर ग्रिड, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, ट्रेंट, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), टेक महिंद्रा, टाइटन, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस के शेयरों में गिरावट रही। टीसीएस के तिमाही नतीजे बाजार की उम्मीदों के अनुरूप नहीं होने से इसके शेयरों में 1.10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “बैंकों और दवा कंपनियों के शेयरों में मजबूत बढ़त के कारण भारतीय शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। एसबीआई के नेतृत्व के लिए निजी क्षेत्र के पेशेवरों को आमंत्रित किए जाने के बाद निवेशकों की धारणा में सुधार हुआ।” नायर ने कहा कि अमेरिका द्वारा जैव-सुरक्षा अधिनियम को नए सिरे से लागू करने से दवा कंपनियों के शेयरों में तेजी आई। यह कानून चीन से जैव-प्रौद्योगिकी संबंधों को हतोत्साहित करता है जो भारतीय दवा कंपनियों के लिए अच्छी बात है। रियल्टी, दवा एवं बैंकिंग शेयरों में बढ़त दर्ज की गई जबकि धातु एवं आईटी शेयरों में नुकसान रहा। बीएसई पर सूचीबद्ध 2,474 कंपनियों के शेयर चढ़कर बंद हुए जबकि 1,706 शेयरों में गिरावट रही और 163 अन्य अपरिवर्तित रहे। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (संपत्ति प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “भू-राजनीतिक तनाव कम होने से सुधरी वैश्विक धारणा के बीच निफ्टी 104 अंक चढ़कर बंद हुआ। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति के संकेतों ने भी धारणा बेहतर करने का काम किया। पिछले तीन कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की खरीदारी ने भी मदद की।”
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 1,308.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंग सेंग, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट गिरावट के साथ बंद हुए जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त में रहा। यूरोप के शेयर बाजार मिले-जुले रुख के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से नीचे गिरकर बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.63 प्रतिशत गिरकर 64.81 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 398.44 अंक चढ़कर 82,172.10 अंक और एनएसई निफ्टी 135.65 अंक मजबूत होकर 25,181.80 अंक पर बंद हुआ था।

