हरदा। पहली बार बालागाँव आग मे तपकर लाल होता नजर आ रहा है। लोग आश्चर्यचकित हैं कि हरा भरा बालागाँव आग का गोला क्यों बन रहा है। बुर्जुगो की एक रिपोर्ट में इस प्रश्न का जवाब है। दरअसल पिछले बीस सालों की अपेक्षा मै अब हरियाली बहुत कम देखने को मिल रही है। पेड कट रहे हैं और निर्माण बढ़ रहे हैं। यही कारण हैं कि प्रदूषण का स्तर और गर्मी दोनों बढ़ते जा रहे हैं। गांव की चौपाल पर बैठकर बीच बुजुर्गों ने विश्लेषण किया कि पहले ग्राम में बड़े-बड़े आम के बगीचा थे पेड़ों में भी कई वैरायटी थी जैसे नीम बोर बबूल रींझ कभु के पेड़ हर जगह तादाद की मात्रा में मिलते थे अब धीरे-धीरे जंगल काटकर लोगों ने उपजाऊ जमीन बना दी अपने खेतों की मेड़ में भी बड़ी मुश्किल से एक आप एक नजर देखने को मिलती है।
गांव में भी पूरे कच्चे मकान थे जिस पर देसी कवेलू घास फूस की गरीबों के मकान थे लोग गर्मी के दिन में पेड़ों की छांव में पूरी गर्मी निकाल लेते थे मैं कूलर था ने पंखे से नहीं ऐसी थी आज सभी दूर पक्के मकान हो गए हैं और हवा की माकूल व्यवस्था है गांव की पूरी गलियां धूल भरी कच्ची थी आजकल सभी आरसीसी सीमेंट वाली हो चुकी है कूलर पंखा एसी इसलिए अधिक गर्मी और तापमान बढ़ रहा है।
अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में गर्मी और अधिक पड़ेगी विश्व पर्यावरण दिवस पर आज ग्राम के बुजुर्गों ने हिदायत दी कि जैसे ही बारिश लगे ग्राम के हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि एक एक पेड़ छायादार फलदार फूलदार अपने घर एवं खेत पर लगाएं जिससे आने वाले समय में पर्यावरण भी ठीक रहे अधिक बारिश हो और गर्मी से राहत भी मिले हरदा जिले सहित जिले के सभी ग्रामों में पेड़ों की कमी देखने को मिल रही है वही ग्राम सहित जिले के सभी लोग फलदार पेड़ लगाए हैं जो छाया भी दे और फल भी दे।