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दिल दहला देने वाला हादसा: नर्मदा स्नान से लौटते वक्त खुशियां मातम में बदलीं, 10 साल के मासूम की नहर में डूबने से दर्दनाक मौत!

देवास जिले में दर्दनाक हादसा! सर्वपितृ अमावस्या पर नर्मदा स्नान कर लौट रहे 10 वर्षीय बालक की कन्नौद के पास नहर में डूबने से मौत। जानें पूरी घटना।

 

कन्नौद, देवास (मध्य प्रदेश): शनिवार का दिन… सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या का पवित्र अवसर…। आस्था और श्रद्धा से भरा एक परिवार नर्मदा नदी में स्नान कर पितरों को याद करने के बाद खुशी-खुशी अपने घर लौट रहा था। लेकिन किसे पता था कि कुछ ही पलों में उनकी ये खुशियां मातम में बदल जाएंगी और एक हँसता-खेलता चिराग हमेशा के लिए बुझ जाएगा। मध्य प्रदेश के देवास जिले के कन्नौद तहसील क्षेत्र से एक ऐसी ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया है।

 

 

क्या है पूरा मामला?

 

मिली जानकारी के अनुसार, देवास जिले के बामनखेड़ी गांव का रहने वाला एक परिवार सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के पावन पर्व पर नेमावर स्थित नर्मदा नदी में स्नान करने गया था। नर्मदा में डुबकी लगाकर, पूजा-अर्चना कर परिवार के सभी सदस्य शनिवार दोपहर को अपने गांव बामनखेड़ी लौट रहे थे। रास्ते में, कन्नौद तहसील के किलोदा गांव के पास, एक मंदिर के नज़दीक, परिवार ने दोपहर का भोजन बनाने और थोड़ा आराम करने का फैसला किया। घड़ी में दोपहर के करीब 3 बज रहे थे।

 

परिवार के सदस्य खाना बनाने की तैयारी में जुटे थे, बच्चे आसपास खेल रहे थे। इसी दौरान, परिवार के साथ आया 10 वर्षीय मासूम बालक पास ही बह रही दतूनी नदी पर बने सुकल्या ठिकरिया डैम की नहर में नहाने चला गया। शायद गर्मी से राहत पाने या पानी देखकर खेलने की इच्छा उसके मन में जागी होगी। लेकिन उसे क्या पता था कि नहर का पानी उसकी ज़िंदगी के लिए खतरा बन जाएगा।

 

नहर का तेज बहाव और गहराई बनी काल

 

बताया जा रहा है कि उस समय नहर में पानी का बहाव काफी तेज था और पानी भी अधिक मात्रा में था। मासूम बच्चा पानी की गहराई और तेज बहाव का अंदाज़ा नहीं लगा पाया और नहाते समय गहरे पानी में चला गया। जब तक कोई कुछ समझ पाता या उसे बचाने की कोशिश करता, तब तक वह पानी के तेज बहाव में बह गया और डूब गया।

 

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चीख-पुकार और ग्रामीणों की मशक्कत

 

जैसे ही परिवार वालों को बच्चे के नहर में डूबने का पता चला, वहां चीख-पुकार मच गई। उनकी आवाज़ सुनकर आसपास मौजूद ग्रामीण तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए ग्रामीणों ने बिना देर किए नहर में उतरकर बच्चे की तलाश शुरू कर दी। काफी कड़ी मशक्कत और खोजबीन के बाद ग्रामीणों ने बालक के शव को नहर से बाहर निकाला।

 

अस्पताल में मृत घोषित, परिवार में कोहराम

 

ग्रामीण तुरंत बच्चे को लेकर कन्नौद के सिविल अस्पताल भागे, इस उम्मीद में कि शायद उसकी जान बच जाए। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मृत घोषित करते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जो परिवार कुछ देर पहले तक हंसी-खुशी घर लौट रहा था, वहां अब मातम पसर गया। बच्चे की मौत की खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।

 

पुलिस जांच में जुटी

 

घटना की सूचना मिलते ही कन्नौद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बच्चे के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस हृदय विदारक मामले में कन्नौद पुलिस ने मर्ग (Accidental Death Report) कायम कर लिया है और घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि घटना के वक्त क्या परिस्थितियां थीं और क्या कोई लापरवाही हुई।

 

यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर नहरों और पानी के स्रोतों के पास बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। खासकर जब नहरों में पानी का बहाव तेज हो, तो अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। एक पल की चूक किस तरह खुशियों को मातम में बदल सकती है, यह घटना उसका दुखद उदाहरण है।