लाड़ली बहना योजना से महिलाओं के नाम काटे जाने पर बवाल एमपी की राजनीति में गर्माहट, देखे पूरी खबर
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई लाड़ली बहना योजना ने प्रदेश की महिलाओं में काफी लोकप्रियता हासिल की। इसके तहत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये दिए जाते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती मिल सके। चुनाव के दौरान शिवराज सिंह चौहान और उनकी पार्टी बीजेपी ने वादा किया था कि वे इस राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह कर देंगे। यह वादा महिलाओं के लिए एक राहत की खबर थी, लेकिन अब चुनाव के बाद इस योजना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
चुनावी वादे और कांग्रेस का आरोप
चुनाव समाप्त होते ही कांग्रेस ने लाड़ली बहना योजना के नाम पर राज्य सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने जनता को इस योजना का झूठा सपना दिखाया। कमलनाथ का कहना है कि यह सरकार महिलाओं के हितों का समर्थन करने का दावा करती है, लेकिन वास्तव में इन वादों पर खरा नहीं उतर पाई है। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि महिलाओं के नाम योजना से काटे जा रहे हैं और नये हितग्राहियों को जोड़ा भी नहीं जा रहा है, जो कि इस योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
सोशल मीडिया पर बवाल
कमलनाथ ने इस मामले को सोशल मीडिया के जरिए भी उठाया और बीजेपी पर तंज कसते हुए अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट किया। उन्होंने लाड़ली बहना योजना में हो रही अनियमितताओं और महिलाओं के नाम काटे जाने की बात की, जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई। कमलनाथ का कहना है कि यह योजना केवल चुनावी फायदों के लिए लाई गई थी और अब इस पर से सरकार का ध्यान हट गया है।
उपचुनाव में कमलनाथ का प्रचार और बीजेपी पर हमले
मध्यप्रदेश के बुदनी और विजयपुर विधानसभा सीटों पर आगामी उपचुनावों के मद्देनजर कमलनाथ इन क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि यह उपचुनाव जनता के लिए एक मौका है कि वे सरकार के 10 महीने के कार्यकाल का आंकलन कर सकें और अपने वोट से सरकार को उसका कर्तव्यबोध करा सकें। उनका मानना है कि ये उपचुनाव बीजेपी को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेंगे।
योजना के मुद्दों पर विपक्ष का हमला
कमलनाथ ने इस योजना के साथ-साथ अन्य मुद्दों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और कृषि में संकट जैसी समस्याएं विकराल रूप ले चुकी हैं, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय झूठे वादों में उलझी हुई है। लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाने का वादा भी पूरा नहीं किया गया है। इसके अलावा रसोई गैस के सिलेंडर के दाम में कटौती का वादा भी अधूरा रह गया।
बीजेपी की प्रतिक्रिया का इंतजार
कमलनाथ के इन आरोपों के बाद अब बीजेपी की प्रतिक्रिया का सभी को इंतजार है। सरकार पर आरोप है कि वह महिलाओं को मिलने वाले लाभ में कटौती कर रही है और इस योजना में नये लाभार्थियों को जोड़ने में विफल रही है। बीजेपी ने अभी तक इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन प्रदेश की राजनीति में इस पर चर्चा ज़ोरों पर है।
महिलाओं का समर्थन और कमलनाथ का आह्वान
कमलनाथ ने इस योजना में हो रहे बदलावों को लेकर जनता से सरकार को जगाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि महिलाएं और युवा इस सरकार से नाराज़ हैं क्योंकि उनके हितों की अनदेखी की जा रही है। कमलनाथ का मानना है कि इस बार का उपचुनाव जनता को अपनी नाराजगी जाहिर करने का एक अवसर है, जिससे वे सरकार को एक संदेश दे सकें कि उनके वादों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
लाड़ली बहना योजना मध्यप्रदेश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन अब इस योजना पर सवाल उठ रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी उपचुनावों में जनता इन मुद्दों पर क्या निर्णय लेती है। विपक्ष ने अपने आरोपों के जरिए सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है, और अब सभी की निगाहें सरकार की ओर हैं कि वह इन आरोपों का किस प्रकार जवाब देती है।
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