आखिर कब होंगी कार्यवाही ❓ नशे की लत मे ढलता जा रहा है आज का युवा ! प्रशासन गोपनीय तरिके से कार्यवाही करे तो…भारी मात्रा मे हो सकती है: शराब जप्त
अनिल उपाध्याय खातेगांव
खातेगांव के ग्रामीण अंचलों में *अवैध शराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है।* यह कारोबार खातेगांव/नेमावर व हरणगांव क्षेत्र मे सबसे ज्यादा फल-फूल रहा है,जबकी नेमावर क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र मे माँ नर्मदा का किनारा है पूर्व मे म. प्र सरकार ने नर्मदा के किनारे शराब विक्री को लेकर प्रतिबंध के आदेश दिया था। लेकिन जिम्मेदारो की अनदेखी के चलते बड़े पैमाने पर शराब का कारोबार चल रहा है। जिसमे खास तौर पर युवा वर्ग शराब की मकड़जाल में फंसता जा रहा है। गांव -गांव में आसानी से अवैध रूप से शराब बिकने से गांव के पुरे युवा वर्ग इसके चपेट में आ रहे है। अवैध शराब बिक्री को लेकर आस-पास के कई ग्रामीण परेशान है।
जिम्मेदारो को शिकायत के बाद भी शराब कारोबारियों को नहीं असर पड़ा आज भी गाँव महोल्ले में खुले आम अवैध शराब की विक्री की जा रही है।
यह प्रचलन बढता ही जा रहा है..
जिससे समाज में विकृति बड़ रही है।
सवाल यह उठता है सरकार से मोटी सेलरी लेने बाले आबकारी विभाग के जिम्मेदार अफसर क्या कर रहे है, क्षेत्र शराब विक्री ओर परिवहन हो रही है… किन्तु कार्यवाही नहीं की जा रही है।
आबकारी विभाग के अधिकारियों एवं पुलिस प्रशासन की कमजोरी के कारण गांवों में अवैध शराब का कारोबार लगातार फल-फूल रहा है।
शराब के धंधे में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से उन्हें बढावा मिल रहा है।
आस-पास के ग्रामीण अंचलों में
अवैध शराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। जिसमे खास तौरपर युवा वर्ग शराब की नशीली वस्तुओं के मकड़जाल में फंसता जा रहा है। गांव -गांव में आसानी से अवैध रूप से शराब बिकने से गांव के पुरे युवा वर्ग इसके चपेट में आ रहे है।
ग्रामीण क्षेत्रो मे अवैध शराब बिक्री की जानकारी होने के बाद भी आबकारी विभाग का इस ओर नियंत्रण नहीं है।
सूत्रों के अनुसार
आबकारी / पुलिस विभाग गोपनीय तरीके से क्षेत्र मे कार्यवाही करे तो बड़े पैमाने पर शराब जप्त हो सकती है। विभाग को गोपनीय तरीके से कार्य करना चाहिए। क्योंकि विभाग की टीम क्षेत्र मे कार्यवाही के लिए निकलती है तो सबंधित कारोबारियों को इसकी भनक लग जाती है। ओर शराब की विक्री करने बाले व्यक्ति विभाग की टीम पहुँचने से पहले ही शराब को रफा- तफा कर देते है। जिससे विभाग को मौक़े पर कुछ भी हाथ नहीं लगता है। देवास जिला प्रशासन आस-पास जिले के आबकारी विभाग या पुलिस विभाग से कार्यवाही करवाई जाए तो निश्चित ही बड़ी कार्यवाही हो सकती है।*
आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी से बात करना का प्रयास किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।