Imran Khan Pakistan News : पाकिस्तान में संवैधानिक संकट बना हुआ है। इमरान खान ने असंवैधानिक कदम उठाते हुए अपनी कुर्सी बचा ली और मनमानी करने की कोशिश की, जिसके खिलाफ विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहीं सेना पर भी नजर है और आशंका जताई जा रही है कि संवैधानिक ताकतों में टकराव बना रहा तो सेना कभी भी तख्तापलट कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में थोड़ी देर में सुनवाई होगी। इससे पहले इस्लाबामाद को सेना के हवाले कर दिया गया है। रविवार को हुई सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में जजों ने कहा था कि देश की सुरक्षा अब सेना के हवाले की जाती है।
सुनवाई से पहले इमरान खान पर भड़का विपक्ष
सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाई से पहले विपक्षी नेताओं ने एक बार फिर इमरान खान पर हमला बोला। शाहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान ने असंवैधानिक काम किया है और इमसें डिप्टी स्पीकर ने साथ दिया। बिलावल भुट्टो ने भी सरकार को घेरा।
बहुमत खो चुके थे इमरान
342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 सदस्यों की जरूरत है। इमरान खान ने 179 सदस्यों के समर्थन से सरकार बनाई थी। इसमें उनकी पार्टी के 155 सदस्य और शेष सहयोगी दलों के सदस्य थे, जिसमें मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के सात और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (पीएमएल-क्यू) के पांच सदस्य शामिल थे। लेकिन एमक्यूएम विपक्ष के साथ चला गया और इमरान की पार्टी के भी कम से कम दो दर्जन सदस्य उनके खिलाफ हो गए थे। इस तरह इमरान के पक्ष में 142 सदस्यों के ही रहने का अनुमान था। वहीं, विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरियम ने 174 सदस्यों के समर्थन का दावा किया था।
इमरान ने अमेरिका राजनयिक का लिया नाम
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की बैठक को संबोधित करते हुए इमरान खान ने फिर कहा कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश में अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू शामिल थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान यह सामने आया था कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिये घरेलू राजनीतिक में विदेशी ताकत द्वारा हस्तक्षेप किया जा रहा था। लू अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया के मामलों को देखते हैं। इमरान ने पहले भी यह आरोप लगाया था, जिसे विपक्षी दलों के साथ ही अमेरिका ने भी गलत बताया था।
ImranKhan ने आखिर क्या गलत किया
सियासी लड़ाई को आखिरी दम तक लड़ने का दम भरने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रविवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का सामना किए बिना ही मैदान से हट गए। उन्होंने नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद राष्ट्रपति से सदन भंग करने की सिफारिश कर दी, जबकि संवैधानिक रूप से वे ऐसा नहीं कर सकते थे। विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के आदेश पर कोई फैसला नहीं दिया, लेकिन सभी पक्षों को असंवैधानिक कदम उठाने से रोकते हुए सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी।
Pakistan SC ने क्या कहा
“नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए सभी आदेश और कदम अदालत के आदेश के अधीन होंगे।” -पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट
रविवार के घटनाक्रम की बड़ी बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को असंवैधानिक कदम उठाने से रोका
- डिप्टी स्पीकर ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के खिलाफ बताते हुए खारिज किया
- विपक्ष ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, सुनवाई आज
-कानून मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, डिप्टी स्पीकर का फैसला अंतिम, उसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती
विपक्ष के सामने अब क्या है विकल्प?
विपक्ष शुरू से आशंका जता रहा था कि डिप्टी स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर सकते हैं। रविवार को हुआ भी ऐसा ही। इस मामले पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीप) के अध्यक्ष अध्यक्ष बिलावल भुट्टो का कहना है कि इमरान ने संविधान को तोड़ा है। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने तक सदन में धरना देने की बात भी कही है।