यूपी पुलिस इस दुनिया को अलविदा कह चुके हिस्ट्रीशीटरों की भी निगरानी करती है। एसएसपी ने जिले भर के हिस्ट्रीशीटर बदमाशों का रिकॉर्ड मंगाया तो पता चला कि 48 ऐसे हिस्ट्रीशीटर हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है और पुलिस उनकी निगरानी आज भी कर रही है। यह हम नहीं, बल्कि हिस्ट्रीशीटर बदमाशों का रिकॉर्ड कह रहा है। थाना प्रभारियों से पूछा गया है कि जो लोग इस दुनिया में ही नहीं हैं, उनकी निगरानी पुलिस दूसरे लोक में जाकर कर रही थी …?
सहारनपुर | वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने पूरे जिले के हिस्ट्रीशीटर बदमाशों की फाइल अपनी टेबल पर तलब की थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि सभी हिस्ट्रीशीटर उन्हें एक साथ एक ही छत के नीचे सहारनपुर पुलिस लाइन में चाहिएं। उनके साथ मीटिंग की जाएगी और उनसे चर्चा की जाएगी। इस दौरान ऐसे जो भी हिस्ट्रीशीटर हैं, जिनके खिलाफ पिछले 5 वर्षों से एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है, उनकी निगरानी को खत्म किया जाएगा, ताकि ये लोग अपने जीवन को सुधार सकें और एक नई शुरुआत कर सकें।
मृत्यु के बाद भी हो रही निगरानी
एसएसपी ने हिस्ट्रीशीटर बदमाशों की फाइलों को तलब किया तो पता चला कि 400 ऐसे हिस्ट्रीशीटर हैं, जिनके खिलाफ पिछले पांच वर्षों में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और ना ही उन पर कोई आरोप लगे हैं। इसी दौरान यह बात भी सामने आई कि जिले भर के कुल 1354 हिस्ट्रीशीटर अपराधियों में से 48 ऐसे हिस्ट्रीशीटर हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनका रिकॉर्ड अभी भी फाइलों में चला रहा है और पुलिस उनकी निगरानी कर रही है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अब इन सभी थाना प्रभारियों से पूछा है कि क्या पुलिस इनकी निगरानी स्वर्ग लोक में जाकर कर रही थी? एसएसपी के आदेशों पर इन सभी 48 हिस्ट्रीशीटर बदमाशों की निगरानी तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है और ऐसे 400 हिस्ट्रीशीटर बदमाश जिनके खिलाफ पिछले 5 वर्षों से एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। उनकी निगरानी भी बंद करने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है।