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अधिकारियों का मौन समर्थन, रेत माफियाओं के हौसले बुलंद

मकड़ाई समाचार धरमपुरी। नर्मदा पट्टी पर बालू रेत का बड़ा भंडार है। जहां सदा से रेत माफियाओं की गिद्ध दृष्टि पड़ी रहती है। वैध खदानों की आड़ में अवैध खदानों से रेत खनन का काम तो कई वर्षों से चल रहा है, किंतु वर्तमान में बिना राजस्व के ही लाखों का नुकसान शासन को लगाकर पूर्णतः अवैध रूप से बालू रेत का खनन पूरे नर्मदा क्षेत्र में चल रहा है। सबसे बड़ी बात यह कि स्थानीय अधिकारियों से लेकर जिले के आला अधिकारियों तक ने इस पर चुप्पी साध रखी है। इसके चलते रेत माफिया निरंकुश होकर जहां चाहे, वहां से बालू रेत का अवैध खनन कर रहे हैं।

जिस कंपनी द्वारा बालू रेत का ठेका लिया गया था, उसके द्वारा किसी कारण से सरेंडर कर दिया गया है। इसके चलते क्षेत्र की सभी खदानें नियंत्रण मुक्त हो गई हैं। जिसका फायदा उठाकर रेत माफियाओं ने पूरे क्षेत्र में लूट मचा रखी है। पूरी नर्मदा पट्टी को निशाना बनाकर ये रेत माफिया सक्रिय हैं। जहां-तहां बेरोक-टोक खनन में लगे हुए हैं। यहां तक कि इन रेत माफियाओं ने धार्मिक महत्व के स्थान बेंट (टापू) को भी नहीं छोड़ा है। नावों के माध्यम से रेत माफिया नर्मदा के बीच स्थित टापू पर भी रेत खनन कर रहे हैं, जो कि अत्यंत धार्मिक महत्व का स्थान है। इसे लेकर पूर्व में भी बड़े आंदोलन व प्रदर्शन हो चुके हैं।

लाखों के राजस्व का नुकसान

ट्रैक्टर-ट्रॉली व डंपरों के माध्यम से क्षेत्र में प्रतिदिन सैकड़ों वाहन बालू रेत चोरी की जा रही है। बालू रेत की बेतहाशा चोरी पर खनिज व राजस्व अधिकारियों की चुप्पी उनकी भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है, क्योंकि कई बार शिकायतों के बावजूद अधिकारी इस पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि अधिकारियों को इसकी शिकायत की जाती है, तो वे खुद ही रेत माफियाओं को इस बात की सूचना दे देते हैं। इसके चलते अधिकारी जिस दिन कार्रवाई का नाटक करने अवैध खदान पर पहुंचते हैं, उस दिन रेत माफिया काम बंद कर देते हैं।

धार्मिक महत्व के स्थान को बनाया निशाना

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यहां नर्मदा के बीच स्थित टापू जिसे बेंट के नाम से जाना जाता है। इस स्थान के धार्मिक व पौराणिक महत्व के चलते लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है, किंतु रेत माफियाओं की गिद्ध दृष्टि भी इस पर लगी हुई है, क्योंकि नर्मदा की बाढ़ में आई बालू रेत का अपार भंडार यहां जमा हुआ है। इसके चलते रेत माफिया बड़ी-बड़ी नावों के माध्यम से धार्मिक स्थल से रेत भरकर ला रहे हैं व दूसरे किनारे पर जमा कर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से भरकर ले जा रहे हैं। इसे लेकर कई बार शिकायतें स्थानीय से लेकर उच्च अधिकारियों से की जा चुकी है, किंतु अधिकारियों ने इस भी रोक लगाने की कोई कोशिश अब तक नहीं की। रेत माफियाओं ने ग्राम गुलाटी से नर्मदा तट तक जाने का रास्ता बना रखा है। जहां से रेत माफियाओं के ट्रैक्टर-ट्रॉली नर्मदा तट तक पहुंचते हैं व टापू से अवैध रूप से लाई गई बालू को भरकर सप्लाई किया जाता है।

रात होते ही दौड़ने लगते हैं ट्रक-ट्रॉलियां

दिन में एकत्रित की गई बालू को रेत माफिया रात ढलते ही सप्लाई करना प्रारंभ कर देते हैं। अंधाधुंध गति से बालू से भरे ट्रक-ट्रालियां सड़कों पर रातभर सप्लाई के लिए दौड़ते हैं। रात के अंधेरे में बेखौफ होकर रेत माफिया अवैध रेत का खेल खेलते हैं।

शिकायत नहीं मिली

मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। न ही शिकायत मिली है। फिर भी मैं दिखवा लेता हूं। -आरसी खतेड़िया, तहसीलदार, धरमपुरी

-विभाग द्वारा समय-समय पर कारवाई की जाती है। पूर्व में भी कई बार कार्रवाई की गई है। विभाग के अधिकारी धरमपुरी क्षेत्र में ही कार्रवाई कर रहे हैं। -डॉ. एमएस खतेड़िया, जिला खनिज अधिकारी धार