मकड़ाई एक्सप्रेस महू | बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर शुक्रवार को शहर में मानो जनसैलाब उमड़ पड़ा है। आज उनकी 132वीं जयंती मनाई जा रही है। इंदौर के महू में उनकी जन्मस्थली अब डॉ. आंबेडकर नगर के नाम से जानी जाती है। यहां स्मारक पर सुबह से ही लोगों की कतारें लगी हैं। दलितों के लिए संघर्ष करने वाले आंबेडकर के हजारों अनुयायियों का भीम जन्मभूमि स्मारक पर गुरुवार से ही अस्थि कलश के दर्शन के लिए आने का सिलसिला शुरू हो गया था। इस बार यहां 50 हजार से अधिक अनुयायी आने की संभावना है। महू में बाहर से आनेवाले लोगों का स्वागत किया जा रहा है, बाबा साहेब के अनुयायियों के लिए 100 बाय 150 मीटर में टेंट लगाकर भोजनशाला बनाई गई है। शहर के लोग भी जगह-जगह शरबत, छाछ और फल आदि से उनका सत्कार करने में लगे हैं।
सेना का बैरक में हुआ था जन्म, वर्ष 1991 में बना स्मारक
करीब साढ़े 22 हजार वर्गफीट जगह में डॉ. आंबेडकर का स्मारक बना हुआ है। यहां 46 साल पहले तक सेना का बैरक था। बाबा साहेब के पिता रामजी सकपाल सेना में सूबेदार थे और काली पलटन स्थित इसी बैरक में आंबेडकर का जन्म हुआ। 14 अप्रेल 1991 को बाबा साहेब की 100वीं जयंती पर तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने स्मारक का लोकार्पण किया। मुंबई से बाबा साहेब का अस्थि कलश लाया गया। इस साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए बड़ी संख्या में नेता भी जुट रहे हैं|