इंदौर जमीन का गोलमाल : भूमाफिया से पीड़ितों को 21 जून का इंतजार, हाई कोर्ट में 100 से ज्यादा याचिकाओं में सुनवाई होना
शिकायतों में भूमाफिया द्वारा रसीद पर प्लाट बेचना, एक ही प्लाट अलग-अलग व्यक्ति को बेचना, सरकारी जमीन पर प्लाट बताकर उसका कब्जा सौंपना आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें भूमाफिया ने प्लाट की रजिस्ट्री तो कर दी लेकिन मौके पर प्लाट है ही नहीं।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। कालिंदी गोल्ड, फीनिक्स टाउनशिप और सेटेलाइट हिल्स के पीड़ित बेसब्री से 21 जून का इंतजार कर रहे हैं। तीनों कालोनियों को लेकर हाई कोर्ट में चल रही 100 से ज्यादा याचिकाओं में इस दिन सुनवाई होना है। हाई कोर्ट द्वारा बनाई गई हाई पावर कमेटी भी इसी दिन अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपेगी। कमेटी ने तीनों कालोनियों के पीड़ितों की ढाई सौ शिकायतें तो सुन ली अब कमेटी को भूमाफिया का पक्ष सुनना बाकी है। इसके बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। गौरतलब है कि हाई कोर्ट के समक्ष लंबित याचिकाओं की शीघ्र सुनवाई के उद्देश्य से हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्त जज आइएस श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी गठित की है। कमेटी को इस बात की संभावनाएं तलाशना है कि उक्त तीनों कालोनियों में पीड़ितों को न्याय कैसे दिलवाया जा सकता है।
रसीद पर प्लाट तो कहीं सरकारी जमीन पर कब्जा – कमेटी के पास पहुंची शिकायतों में भूमाफिया द्वारा रसीद पर प्लाट बेचना, एक ही प्लाट अलग-अलग व्यक्ति को बेचना, सरकारी जमीन पर प्लाट बताकर उसका कब्जा सौंपना आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें भूमाफिया ने प्लाट की रजिस्ट्री तो कर दी लेकिन मौके पर प्लाट है ही नहीं। कुछ किसान भी कमेटी के पास पहुंचे थे। इनका कहना है कि उनकी जमीन को अपनी बताकर भूमाफिया ने कालोनी का नक्शा पास करवा लिया है। ऐसे में कमेटी के सामने बड़ी चुनौती ऐसे प्लाट खरीदने वालों को न्याय दिलाने की भी है।
कैसे पास हो गया दूसरे की जमीन पर नक्शा – आरोप है कि भूमाफिया ने किसानों की जमीन को अपना बताकर नक्शा पास करवा लिया। अगर ऐसा है तो इस बात की भी जांच होना चाहिए कि नक्शा पास करने से पहले जिम्मेदार अधिकारियों ने जमीन के दस्तावेज क्यों नहीं जांचे। बगैर स्वामित्व जांच करवाए भूमाफिया ने कैसे कालोनी का नक्शा पास कर करवा लिया जबकि सामान्य व्यक्ति अपने स्वामित्व का नक्शा पास करवाने में परेशान हो जाता है।