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इस साल 24 नहीं, 25 बार एकादशी व्रत का संयोग, भगवान विष्‍णु की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी

मकड़ाई समाचार भोपाल। भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष दिन एकादशी साल 2021 में 25 बार आ रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर माह दो बार शुक्ल व कृष्ण पक्ष की एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। मां चामुण्डा दरबार के पुजारी पंडित रामजीवन दुबे और ज्योतिषाचार्य जगदीश शर्मा ने बताया कि इस साल शनिवार 09 जनवरी को सफला एकादशी के साथ इसकी शुरुआत हो गई है। 25 साल बाद ऐसा संयोग बना है, जब साल में 25 बार एकादशी आएगी। हिंदू पौराणिक शास्त्रों में एकादशी तिथि को श्री हरि यानी भगवान विष्‍णु के दिन के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि एकादशी व्रत हवन, यज्ञ वैदिक कर्म-कांड आदि से भी अधिक फल देती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से पूर्वज या पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु का दिन एकादशी को माना जाता है।

भीम ने किया था निर्जला एकादशी व्रत

ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद रावत ने बताया ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है। भीम ने एक मात्र इसी उपवास को रखा था और मूर्छित हो गए थे। इस दिन बिना जल के उपवास रखने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है।

ऐसे रखें एकादशी व्रत:-

– एकादशी के दिन श्रद्धालु को व्रत का संकल्प करना होता है।

– विधि अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का पूजन और रात को दीपदान करना चाहिए।

– एकादशी की रात्रि में भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करना चाहिए।

– अगली सुबह पुन: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।

एकादशी दिन व दिनांक

पौष पुत्रदा एकादशी – रविवार 24 जनवरी

षटतिला एकादशी – रविवार सात फरवरी

जया एकादशी – मंगलवार 23 फरवरी

विजया एकादशी – मंगलवार नौ मार्च

आमलकी एकादशी – गुरुवार 25 मार्च

पापमोचिनी एकादशी – बुधवार नौ अप्रैल

कामदा एकादशी – शुक्रवार 23 अप्रैल

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वरुथिनी एकादशी – शुक्रवार सात मई

मोहिनी एकादशी – रविवार 23 मई

अपरा एकादशी – रविवार छह जून

निर्जला एकादशी – सोमवार 21 जून

योगिनी एकादशी – सोमवार पांच जुलाई

देवशयनी एकादशी – मंगलवार 20 जुलाई

कामिका एकादशी – बुधवार चार अगस्त

श्रावण पुत्रदा एकादशी – बुधवार 18 अगस्त

अजा एकादशी – शुक्रवार तीन सितंबर

परिवर्तिनी एकादशी – शुक्रवार 17 सितंबर

इंदिरा एकादशी – शनिवार दो अक्टूबर

पापांकुशा एकादशी – शनिवार 16 अक्टूबर

रमा एकादशी – सोमवार एक नवंबर

देवोत्थान एकादशी – रविवार 14 नवंबर

उत्पन्ना एकादशी – मंगलवार 30 नवंबर

मोक्षदा एकादशी – मंगलवार 14 दिसंबर

सफला एकादशी – गुरुवार 30 दिसंबर