दिल्ली; भारत जोड़ो यात्रा’ कन्याकुमारी से चलकर कर्नाटक के रायचूर पहुंची है। दीपावली के अवकाश के चलते पदयात्री कैम्प में हैं। कल से पुनः यात्रा आगे बढ़ेगी। इस पदयात्रा में शामिल हरदा की बेटी अवनी बंसल (अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट) से यात्रा को लेकर चर्चा की।
कर्नाटक के रायचूर पहुंची पदयात्रा –
अवनी ने मोबाइल पर चर्चा में बताया कि 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से शुरू इस सफर में आगे बढ़ते हुये अभी हम रायचूर (कर्नाटक) में हैं । कर्नाटक और तेलांगना की बॉर्डर है। बड़ी दिलचस्प जगह है । कृष्णा नदी के एक तरफ कर्नाटक है और एक तरफ तेलंगाना है। अभी तक हम लगभग 1250 किमी की पदयात्रा पूर्ण कर चुके हैं। दीपावली का अवकाश 26 अक्टूबर तक है। 27 से पुनः पदयात्रा शुरू होगी ।
अवनी ने बताया कि शुरू शुरू में दिक्कतों के बीच अब हम बिना परेशानी के ज़मीन से सतत जुड़ाव और चरैवेति चरैवेति (लक्ष्य प्राप्ति हेतु चलते रहने) उपनिषद के ब्रह्मवाक्य की ऊर्जा को दैनंदिनचर्या में महसूस करने लगे हैं।
मालूम हो, कन्याकुमारी से आरम्भ भारत जोड़ो यात्रा पदयात्रा लगभग 3570 किलोमीटर तय करते हुए देश के 12 राज्यों से गुजरते हुए कश्मीर पहुंचेगी ।
अवनी की कलम से –
अवनी फेसबुक पर लगातार यात्रा को अपने विचारों को लिख कर साझा रहीं हैं । उन्होंने लेख के माध्यम से दीप पर्व की मंगलकामनाएं प्रेषित की – :
“इस बार की दिवाली अलग थी, सबसे अलग I भारत जोड़ो यात्रा में हूँ और दिवाली की छुट्टी पर यहीं भारत जोड़ो कैम्प में रहने का विचार बनाया I दिवाली के दिन, सुबह से घर वालों की याद आ रही थी I मन थोड़ा उदास था I चाय पीने एक छोटी सी दुकान पर बैठे I
अचानक एक दंपत्ति अपने छोटे से बच्चे मीरान के साथ आए, चाय पीने I
मीरान को गोद में लेकर मानो पूरी ऊर्जा ही बदल गयी हो I उसकी मासूमियत ने मानो बहुत सारे सवाल भी खड़े कर दिए हो, और बहुत सारे सवालों के जवाब भी दे दिए हो I
यदि त्योहारों का मतलब खुशी बांटना है, तो क्यूँ उस खुशी को कुछ खास लोगों तक ही सीमित रखा जाए I
और फिर शाम ढलते ही, भारत जोड़ो का हमारा पूरा कैम्प दियों, फूलों से चमक उठा I दोस्तों के साथ मिलकर, जय जगत और विश्व शांति की रंगोली बनाई I दिए जलाए, गाने गाए और देश के हर कोने से आए लोगों और सभी कर्मचारियों भाइयों के साथ मिलकर दिवाली की खुशी में भाग लिया I
भारत जोड़ो की असली मंशा तो यही है- हम “मैं” और “हम” का घेरा बड़ा करें! सिर्फ हमारे साथ क्या हो रहा है, इसी में दिलचस्पी लेना काफी नहीं हैं, अपितु समाज में, बाकी वर्गों के साथ, शोषितों के साथ क्या हो रहा है, ये सब भी हमारी सोच का विषय होना चाहिए!
जो बात साइंस साबित कर चुका है कि जब एक तितली दुनिया के किसी एक छोर पर अपने पंख फड़ फड़आती है तो उसका असर सारे ब्रहमांड पर होता है (The Butterfly Effect), क्यूंकि सब कुछ कुछ connected है, सब कुछ जुड़ा हुआ है!
जिस दिन हम ये जान लेंगे, हम कहीं भी हो, अपने आप को अकेले मेहसूस नहीं करेंगे और हर दिन त्योहार होगा I
बाद में ही सही, पर आप सबको ये मुबारक दिवाली की असीम शुभकामनायें I”