मकड़ाई एक्सप्रेस बिलासपुर| मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर पागमढ़ में हनुमान जी का एक अनोखा मंदिर है। शासकीय कन्या महाविद्यालय और जीआरडी महाविद्यालय के बीच यह मंदिर है। मान्यता है कि यहां गुरु के रूप में बजरंग बली विराजमान हैं। स्टूडेंट की हर समस्या को सुनते हैं और निवारण करते हैं। परीक्षा के दिनों में माथा टेकने के बाद ही स्टूडेंट परीक्षा हाल में प्रवेश करते हैं।
जीआरडी महाविद्यालय पामगढ़ के डायरेक्टर सोमेन मैती का कहना है कि महाविद्यालय की स्थापना से पहले ही एक वृक्ष के नीचे बजरंग बली की पूजा की जाती थी। साल 2002 में महाविद्यालय बनने के बाद स्टूडेंट और हनुमान जी के बीच रिश्ता प्रागढ़ होता चला गया। प्रतिमा को कोई नुकसान न हो, इसलिए महाविद्यालय के चेयरमैन व शासी. निकाय के अध्यक्ष चिरंजीव शर्मा ने चार साल पहले मंदिर का निर्माण भी कराया।
जीआरडी महाविद्यालय पामगढ़ के डायरेक्टर सोमेन मैती का कहना है कि महाविद्यालय की स्थापना से पहले ही एक वृक्ष के नीचे बजरंग बली की पूजा की जाती थी। साल 2002 में महाविद्यालय बनने के बाद स्टूडेंट और हनुमान जी के बीच रिश्ता प्रगढ़ होता चला गया। प्रतिमा को कोई नुकसान न हो, इसलिए महाविद्यालय के चेयरमैन व शासी निकाय के अध्यक्ष चिरंजीव शर्मा ने चार साल पहले मंदिर का निर्माण भी कराया।इस मंदिर की खासियत यह भी है कि बजरंग बली के मुख के सामने भगवान प्रभु श्री राम को निहारते हुए दिखाया गया है। प्रतिवर्ष हनुमान जन्मोत्सव पर यहां बड़ी संख्या में स्टूडेंट की भीड़ उमड़ती है। बिलासपुर से भी कई स्टूडेंट सिर्फ दर्शन करने पहुंचते हैं। छात्रा प्रमोद जायसवाल का कहना है कि हनुमान जी के दर्शन मात्र से बिगड़े काम बनने लगता है। छात्र मनोज साहू का कहना है कि प्रवेश हो या परीक्षा स्टूडेंट के हर संकट को हरते हैं।