ब्रेकिंग
Big breaking news: मध्यप्रदेश में सड़क हादसे में 9 की मौत, ट्राला ने ओमनी वाहन को कुचला, मृतकों में ... शिक्षक नाम को शर्मसार किया कलयुगी शिक्षक बेटों ने जमीन के टुकड़े के लिए  शिक्षक बेटों ने  पिता को का... हरदा: मूंग खरीदी की मांग, सोई हुई सरकार को जगाने किसान आक्रोश मोर्चा की आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल, ... हरदा: उपभोक्ता आयोग का आदेश: 7 किसानों को बैंकों द्वारा दिये जाऐंगे फसल बीमा राशि के 2.50 लाख रूपये टिमरनी :मूंग खरीदी के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी व्यापारियों से किसानों को मूंग के उच... सभी बच्चों का स्कूल में प्रवेश दिलाएं, कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न छूटे: कलेक्टर श्री जैन ने शिक्षा... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 4 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे टिमरनी: आदिवासी सरपंच ने कलेक्टर से लगाई गुहार मुझसे बिच्छापुर के पूर्व सरपंच फर्जी काम कराने का बना... हरदा : आदिवासी परिवार के लोग जबरन खेत में कब्जा करने की कर रहे कोशिश, पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर को शिका... हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने जनसुनवाई में सुनी नागरिकों की समस्याएं

चंद्रदेव को अर्घ्य देकर महिलाओं ने मांगा अखंड सौभाग्य का वरदान, धार्मिक नगरी में महिलाओं ने पूरे उत्साह और भक्ति भाव से मनाया करवाचौथ

मकड़ाई समाचार हंडिया। अखंड सौभाग्य की मंगलकामना के साथ रविवार को धार्मिक नगरी हंडिया में सुहागिनों ने करवा चौथ का व्रत पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया। पारंपरिक परंपरा और लोक रिवाज के अनुसार सुबह से ही सुहागिनें निर्जल व्रत पर रहीं और शाम ढलने के साथ ही पूजा की तैयारियों में जुट गई। परिवार के साथ महिलाओं ने घरों की छतों और खुले मैदान में करवा चतुर्थी की पूजा-अर्चना कर कथा सुनी और चंद्रदेव को अर्घ्य देकर चंद्रदेव व अपने चांद का चलनी से दीदार किया और पति की दीर्घायु की मंगलकामना कर पति और घर के बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर विधि विधान से व्रत का पालन किया।

- Install Android App -

चंद्रदेव के दर्शन व पूजन के दौरान घरों की छतों पर दिपावली सी झलक भी देखने को मिली। कई जगह तो आतिशबाजी भी की गई। करवा चतुर्थी का उल्लास सुबह से ही घरों और मोहल्लों में छाया रहा। निर्जल व्रत रखने के साथ ही महिलाएं घर की साफ-सफाई के बाद पकवान बनाने में जुट गई। फिर पूजा की तैयारियां के साथ ही सजने संवरने का दौर शुरू हुआ और सोलह शृंगार से सजी धजी महिलाएं शाम ढलते ही छतों पर जा पहुंची और रात्रि में महिलाओं ने चंद्रोदय के इंतजार के बीच कथा सुनी और निकलते चंद्रदेव को छलनी में देख जल से भरे करवे से अर्घ्य दिया और अखंड सौभाग्य की कामना की। व्रतधारी महिलाओं ने अपने पति के हाथ से पानी पीने और मिठाई से व्रत का पालन करने की रस्म निभाकर व्रत का समापन किया।