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छत्‍तीसगढ़ में बारिश बनी आफत: बाढ़ से घिरे गांव, कांडला में ग्रामीणों ने ली पहाड़ पर शरण, हालात बिगड़े तो स्कूल हुए बंद

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के सुकमा और बीजापुर जिले में पिछले एक सप्ताह से हो रही भारी वर्षा के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त है। हालत दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। गुरुवार को सुकमा जिले के कोंटा तहसील में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 60 और सुकमा तहसील के 20 स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया। जिले के अन्य तहसीलों में भी वर्षा और बाढ़ की स्थिति का आंकलन कर स्थानीय शिक्षा प्रशासन को स्कूलों का संचालन करने अथवा नहीं करने को लेकर निर्णय लेने की छूट दे दी गई है।

इस जिले में लगातार चाैथे दिन काेंटा-चेट्टी के बीच सबरी नदी के बैकवाटर से राष्ट्रीय राजमार्ग डूबा हुआ है इसके कारण तेलंगाना-आंध्रप्रदेश के साथ बस्तर का सड़क संपर्क कटा हुआ है। जिले में सबरी, मलगेर आदि प्रमुख नदियाें के साथ ही अधिकांश बरसाती नालों के उफान पर होने से जगरगुुंडा सहित तीन दर्जन से अधिक क्षेत्र जिला मुख्यालय से कटे हुए हैं।

उधर, बीजापुर जिले में वर्षा और बाढ़ से स्थिति संकटमय बनी हुई है। यहां बाढ़ का सबसे अधिक असर भोपालपट्नम तहसील में पड़ा है। इस तहसील में चंदूर, कोत्तूर, तारलागुड़ा, कांडला, रामपेटा आदि गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। कांडला में गांव छोड़कर ग्रामीणों ने पहाड़ पर शरण ली है। यहां गोदावरी और इंद्रावती दोनों प्रमुख नदियां व इनके सहायक नाला उफान पर हैं। इसके कारण तहसील के 90 फीसद स्कूलों में गुरुवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है।

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जिले के अन्य अंदरुनी क्षेत्रोें में भी शिक्षकों को शाला संचालन को लेकर निर्णय लेने को कह दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर के अनुसार खंड शिक्षा अधिकारी और प्रधानपाठक स्थिति देखकर फैसला करेंगे। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार पोटाकेबिन तारलागुड़ा पानी से घिर गया है। जिसे देखते हुए पोटाकेबिन को खाली करा दिया गया है। मध्य बस्तर में हालांकि इंद्रावती नदी का जलस्तर यहां जगदलपुर स्थित पुराना पुल पर गुरुवार तड़के खतरे के निशान 8.3 मीटर से नीचे जाना शुरू हो गया था लेकिन जलस्तर दोपहर 11 बजे चेतावनी स्तर वार्निंग लेवल सात मीटर से बना हुआ है।

कभी भी फूट सकता है तालाब

बीजापुर जिले के ग्राम पंचायत संडरापल्ली के आश्रिम ग्राम यापला में तालाब कभी भी फूट सकता है। बुधवार को ही यहां तालाब की मेड़ में दरार आ गई थी। गुरुवार सुबह मेड़ की काफी मिट्टी बहने से तालाब से पानी का रिसाव तेज हो गया है। यहां ग्राम पंचायत अतुक्पल्ली के आश्रित ग्राम कांडला में बाढ़ का पानी घुसने से गांव के लोग पहाड़ पर चले गए हैं। रामपेटा में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।