जयपुर । ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने अक्षय ऊर्जा निगम में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में बताया कि राज्य में अक्षय ऊर्जा परियोजना की स्थापना के लिए जियो मेंपिंग आधारित डेटा बैंक तैयार किया जाएगा। राज्य के सभी जिला कलक्टरों की सहभागिता से सभी जिलों में उपलब्ध चंक ऑफ लैंड चिन्हित की जाएगी। इस संबंध में जिला कलक्टरों को पत्र लिखकर विस्तार से कार्ययोजना भेजी गई है। उन्होंने बताया कि इससे प्रदेश के सभी संभावित स्थानों पर समन्वित निवेश व रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे।
उन्होंने बताया कि राजस्थान की अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए सोलर प्लांटों व सोलर पार्कों की स्थापना के लिए राजस्थान सबसे पंसदीदा प्रदेश बन गया है। राज्य में वर्ष 2024-25 तक 37.5 गीगावाट क्षमता के प्लांटों की स्थापना के लक्ष्य को और अधिक बढ़ाकर देश के राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा लक्ष्य 500 गीगावाट हासिल करने के लिए प्रदेश में और अधिक क्षमता विकसित करने की संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है। गौरतलब है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान सर्वाधिक संभावनाओं वाला प्रदेश है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में इस समय अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 14.5 गीगावाट क्षमता विकसित हो गई है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास और कार्ययोजना वर्ष 2024-25 के लक्ष्य को समयपूर्व हासिल करने की है। इसके साथ ही इस तरह की कार्ययोजना बनाई जा रही है कि प्रदेश में इससे कहीं अधिक अक्षय ऊर्जा क्षमता विकसित हो सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं व सोलर पार्क विकसित करने के लिए देशी-विदेशी निवेशक आगे आ रहे हैं। अड़ानी, ग्रीनको व इसी तरह के इन जैसे बड़े निवेशकों ने भी रुचि दिखाई है।
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चौधरी मोहन गुर्जर मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है | आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है। आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है |