मकड़ाई समाचार मुरैना। जिले भर में इस समय डीएपी खाद का संकट गहराया हुआ है। किसान बोवनी के लिए हर कीमत पर इस डीएपी खाद को पाना चाह रहा है, जिसका फायदा अब नकली खाद बनाने वाले भी उठाने लगे हैं। गुरुवार की सुबह पोरसा तहसीलदार व एसएडीपी ने गोकुलपुरा इलाके में संचालित ऐसे ही एक नकली खाद बनाने वाले गोदाम पर छापामार कार्रवाई की। जहां से 125 नकली डीएपी खाद के बोरे जप्त किए गए हैं कार्रवाई के दौरान इस अवैध गोदाम को चलाने वाले लोग भाग निकले।
तहसीलदार विवेक सोनी और कृषि विभाग के एसएडीओ वीरेश शर्मा को नकली खाद बनाने वाले गोदाम के बारे में पता चला। जिस पर उन्होंने गोकुलपुरा गांव के एक मकान पर छापा मार कार्रवाई की। जहां गोदाम को खुलवाया गया, तो उसमें डीएपी खाद के 125 बोरे रखे हुए थे। इसके साथ ही कुछ खाली बोरे भी वहां मौजूद मिले। यहां गोदाम के मालिक का पता किया तो यह किसी राजा सिंह तोमर व्यक्ति का था। जिसने मकान को किराए पर लेकर इस गोदाम का संचालन कर रहा था। यहां ग्रो प्लस खाद को डीएपी खाद के बोरों में भरकर पैकेजिंग का काम किया जा रहा था। इस बारे में एसएडीओ वीरेश शर्मा ने बताया कि ग्रो प्लस खाद की कीमत बाजार में 500 रुपये के करीब है। वही डीएपी की कीमत 1200 रुपये हैं, इसलिए इस ग्रो प्लस खाद को डीएपी के बोरा में पैक किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि डीएपी खाद में नाइट्रोजन और फास्फोरस दोनों ही तत्व होती है। जबकि इस ग्रो प्लस खाद में महज फास्फोरस रहता है। जिससे खेती को बहुत ज्यादा लाभ नहीं होता। इसलिए इस सस्ते खाद को डीएपी के बोरों में भरा जा रहा था। जिससे मुनाफा कमाया जा सके। फिलहाल इन बोरो को जप्त किया गया है और गोदाम संचालक की तलाश की जा रही है। मकान के मालिक ने बताया कि अभी 4 से 6 दिन पहले ही मकान को किराए पर लिया गया था। जिसके बाद यह पैकेजिंग की जा रही थी।